बरेली। आनंद आश्रम में चल रहे संत सम्मेलन में तृतीय दिन आज सुबह के सत्र में हरिद्वार धाम से पधारे परम पूज्य स्वामी अक्षयानन्द जी महाराज ने परम पूज्य प्रातः स्मरणीय संत श्री पथिक जी महाराज के भजन ‘ओ आने वालों इतना समझ लो, इस जग से तुमको जाना पड़ेगा। यदि रह गई है कुछ वासनाएं, इस जग में तुमको आना पड़ेगा।’ के द्वारा कम शब्दों में पूरे जीवन का सार समझा दिया कि जो भी इस जग में आया है उसको एक न एक दिन जाना पड़ेगा जब तक जीवन है हमें आपको शुभ कर्म करना चाहिए और अपनी वासनाओं ( गाड़ी खरीद लें , बंगला बनवा लें बिजनेस बड़ा लें इत्यादि) का सर्वथा त्याग कर देना चाहिए।
बांदा से पधारे आचार्य यज्ञेष मिश्रा जी ने कहा, ‘उमा कहहूं मैं अनुभव अपना , नित हरि भजन जगत सब सपना।’ भगवान शंकर कह रहें हैं इस संसार को असत्य समझो इस संसार में भगवान का भजन ही सार है और ये संसार स्वपनवत है जैसे सपने का सुख जगाने में सुख नहीं होता और सपने का दुःख जागने पर दुःख नहीं होता, इसी प्रकार संसार पर सुख दुःख से ऊपर उठकर भगवान के चरणों में मन को लगाओ यही वेदों का सार है पुराणों का सार है और सभी कथाओं का तत्व है।
आनंद आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ज्योतिर्मयानंद जी महाराज ने कहा चाह से इस संसार में कुछ नहीं मिलता शिवाय भगवान के इसीलिए हमें और आपको केवल भगवान को चाहना चाहिए इन संसार के लोगों से या इस संसार से कुछ नहीं मिलना।
सायंकालीन सत्र में हरिद्वार धाम से पधारे परम पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन में कर्म उपासना ज्ञान कर्म के 80,000 मंत्र, उपासना के 16,000 मंत्र एवं ज्ञान के 108 मंत्रो का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि हमें सर्वप्रथम कर्म करना चाहिए तत्पश्चात उपासना करना चाहिए एवं अन्त में कर्म एवं उपासना के द्वारा आपको भक्ति और भक्ति से प्रभु की प्राप्ति हो जायेगी और प्रभु के द्वारा ज्ञान जिससे हमें इस संसार से मुक्ति मिल जायेगी। मंत्री नर सिंह मोदी ने बताया कल शरद पूर्णिमा पर दमा की दवा का वितरण किया जाएगा। आज पंकज अग्रवाल, अनुज अग्रवाल (बीमा घर), सर्वेश अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, शकुंतला मोदी, सीए अखिल रस्तोगी उपस्थित रहे।