BareillyLive : नोएडा (गौतम बुद्ध नगर) में संस्कार भारती एवं रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में एक गंगा जमुनी काव्योत्सव आयोजित हुआ जिसमें अनेक प्रांतो के कवियों और शायरों ने भागीदारी की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रख्यात शायर शाहिद अंजुम तथा अध्यक्ष सुप्रसिद्ध हास्य कवि बाबा कानपुरी तथा विशिष्ट अतिथियों में कवि ऋषि कुमार च्यवन, डॉ अशोक मधुप एवं रमेश प्रसून रहे तथा विशेष सानिध्य पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार नवाब सिंह नागर का रहा। मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के पश्चात कार्यक्रम विभावरी वत्स की सरस्वती वंदना एवं जे पी रावत जी के ध्येय गीत के साथ प्रारंभ हुआ, जिसमें अनेक प्रांतो से उपस्थित हुए शायरों और कवि कवियत्रियों ने अपनी अपनी रचनाओं से बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया गया।

इस अवसर पर काव्य पाठ करते हुए वरिष्ठ कवि पंडित साहित्य चंचल ने कहा–“कोटि कोटि कष्टों को सहकर जीवन जिसने पाला, फबती केवल धोती तन पर लगती शाल दुशाला”

युवा काव्य के हस्ताक्षर सतीश दीक्षित ने कुछ यूं कहा– “जब अपना ईमान सरकारें खोने लगती हैं, तब संसद की भी देखो दीवारें रोने लगती हैं”

वरिष्ठ कवि जेपी रावत जी ने पढ़ा– ” जीने का अधिकार सभी का पर मरने का भय कैसा, गर्व नहीं सम्मान हो सबका हम लेते हैं प्रण ऐसा ”

बरेली के वरिष्ठ कवि ऋषि कुमार च्यवन ने आग उगलते हुए कहा– “हो जिक्र हर जुबां पे वो कहानी चाहिए, इस देश पे मिटे जो वो जवानी चाहिए”

प्रसिद्ध वरिष्ठ शायर शाहिद अंजुम ने आईना दिखाते हुए कहा — “बस इतनी सी खुदाई चाहता हूं, भरत के जैसा भाई चाहता हूं”

प्रसिद्ध कवियत्री स्मिता श्रीवास्तव ने अपनी कविता प्रस्तुत करते हुए कहा– “आज है जो तेरा कल रहे ना रहे, कल की चिंता में हर पल गंवाता है क्यों”

इनके अलावा सत्यार्थ दीक्षित, गोपाल गुप्ता, आनंद नारायण, पूनम सागर, सुमित अग्रवाल, कुमार पंकज, ताबिश खैराबादी, विकास सक्सेना, मीनाक्षी दिनेश कुमार, कमल किशोर भारद्वाज, अरविंद भाटी, मोईन शादाब, पूनम सागर, सविता सिंह शमा, प्रेम सागर प्रेम, आनंद नारायण, ओमकार त्रिपाठी एवं अटल मुरादाबादी आदि काव्य अनुरागियों ने एक से एक बढ़कर प्रस्तुति दीं। उपस्थित कई अतिथियों ने भी अपने काव्य पाठ से समां बांध दिया और उनकी सुंदर एवं प्रभावशाली रचनाओं को सुनकर उपस्थित श्रोताओं ने अपनी तालियों से सभागार को गुंजायमान कर दिया। कार्यक्रम का सफल एवं सुंदर संचालन कवि साहित्य कुमार चंचल द्वारा किया गया। इस अवसर पर बरेली के वरिष्ठ कवि ऋषि कुमार च्यवन को सम्मानित भी किया गया।

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