BareillyLive : कृषि विज्ञान केंद्र, बरेली, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा “बकरी पालन उद्यमिता विकास” पर चल रहे इक्कीस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हुआ।

यह कार्यक्रम संस्थान के निदेशक, डॉ. त्रिवेणी दत्त के निर्देशन एवं डॉ. रूपसी तिवारी, संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) मार्गदर्शन मे किया गया। डॉ. हंस राम मीणा ने अपने सम्बोधन में बताया की किस प्रकार बकरी उद्यम युवाओं के लिए स्वरोजगार का साधन बना है और ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में भी अहम भूमिका अदा कर रहा है। इस अवसर पर उन्होने प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया प्राप्त कर प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किए और आगे भी तकनीकी जानकारी हेतु कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े रहने की सलाह दी।

इक्कीस दिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने बकरी की विभिन्न नस्लों, आवास प्रबंधन, प्रजनन प्रबंधन, वर्ष भर हरा चारा उत्पादन, पोषण प्रबंधन, पोषण से जुड़ी समस्याएं एवं निदान, मुख्य जीवाणु तथा विषाणु जनित रोगो का नियंत्रण, आंतरिक एवं बाह्य परजीवी नियंत्रण, बकरी मे प्रजनन की समस्या तथा निदान, बकरी फार्म का दैनिक प्रबंधन, माँस उत्पादन एवं प्रसंस्करण, बकरी सह मतस्य पालन तथा बकरी पालन से प्रोत्साहन हेतु सरकारी योजनाओ के बारे मे विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के विभिन्न विभागो से वैज्ञानिकों; पशु चिकित्सा अधिकारी एवं नाबार्ड के अधिकारियो ने व्याख्यान द्वारा जानकारी प्रदान की। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रतिभागियों को कृषि विज्ञान केंद्र के प्रदर्शन फार्म मे बकरी सह मतस्य इकाई पर बकरी मे आयु का निर्धारण, पहचान चिन्ह लगाना/टैगिंग, चारा उत्पादन, बधियाकरण, डिपिंग, टीकाकरण, खुर को काटने की विधि, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, वर्मीकम्पोस्ट आदि से जुड़ी जरूरी व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के बकरी फार्म, दूध प्रसंस्करण इकाई, चारा उत्पादन फार्म, कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र एवं पंतनगर कृषि मेले मे भ्रमण कर बकरी उद्यम मे नवाचार एवं उचित प्रबंधन के महत्व को समझाया गया। इस कार्यक्रम मे उत्तर प्रदेश के बरेली, पीलीभीत एवं रामपुर जनपद से 20 प्रतिभागियों (18 पुरुष एवं 02 महिला) ने अपनी प्रतिभागिता दर्ज की।

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