बरेली। जल्द ही महाभारत कालीन अहिच्छत्र क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित होने की संभावना बढ़ गयी है। प्रदेश सरकार से अहिच्छत्र का पर्यटन स्थल घोषित कराने की तैयारी जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय पर्यटन विभाग को अहिच्छत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकयिसत करने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने की जिम्मेदारी दी है। पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद सरकार अहिच्छत्र में बुनियादी सुविधाओं को विकसित कराएगी।
बता दें कि बरेली के आंवला तहसील क्षेत्र में रामनगर के पास महाभारत कालीन गुरु द्रोणाचार्य की राजधानी अहिच्छत्र के अवशेष हैं इन्हीं को संरक्षित कराने के लिए प्रशासन लखनऊ से लेकर दिल्ली तक कार्यवाही कर रहा है। हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की महानिदेशक ने कमिश्नर को पत्र भेजकर अहिच्छत्र की जमीन पर लोगों को दिए गए पट्टों को लेकर ऐतराज जताया था। अहिच्छत्र को संरक्षित करने में बड़ी बाधा भी जमीन के पट्टों को बताया था। कमिश्नर ने डीएम को अहिच्छत्र को इन पट्टों से मुक्त कराने की जिम्मेदारी सौंपी है।
आंवला के एसडीएम ने पट्टों की जांच पड़ताल भी शुरू कर दी है। प्रशासन ने अब अहिच्छत्र को पर्यटन स्थल घोषित कराने पर फोकस कर दिया है। एएसआई के साथ मिलकर अहिच्छत्र के इतिहास से पब्लिक को रूबरू कराने की कोशिश की जा रही है। पर्यटन स्थल का प्रोजेक्ट बनाने की जिम्मेदारी क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी को दी है। पर्यटन विभाग अहिच्छत्र का प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजेगा। पर्यटकों की सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाएगा। गाइड की तैनाती भी होगी। जो देसी और विदेशी शैलानियों को अहिच्छत्र के बारे में जानकारी देंगे।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ब्रजपाल सिंह के बताया कि जिलाधिकारी का पत्र मिल गया है। डीएम ने अहिच्छत्र को पर्यटन स्थल घोषित कराने के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। शासन से पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद बुनियादी सुविधाएं विकसित होंगी। एएसआई के सुझाव को प्रस्ताव में शामिल किया जा रहा है।