नगर शिक्षा अधीक्षक कार्यालयआंवला (बरेली)। बच्चों को बांटने के लिए आयीं पुस्तकें नगर शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में धूल चाट रहीं हैं। इसके विपरीत बच्चों और अनेक विद्यालयों के शिक्षकों की शिकायत है कि उन्हें किताबें नहीं मिल पायी हैं। इस कारण बच्चों को पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शिकायतों पर एसडीएम ने औचक निरीक्षण किया तो हकीकत सामने आयी।

एसडीएम विशुराजा ने गुरुवार को नगर स्थित पुस्तकें शिक्षा अधीक्षक कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। यहां प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं की किताबें बड़ी संख्या में मिलीं। कार्यालय में मात्र एक कर्मचारी ही मौजूद मिला, शेष कार्यालय से अनुपस्थित थे।

बता दें कि पिछले दिनों आलमपुर जाफराबाद के ब्लॉक के गांव मकरन्दपुर धाराजीत में एसडीएम ने सरकारी विद्यालय का निरीक्षण किया था। वहां कुछ बच्चों पर पढ़ने के लिए किताबें पूरी नहीं थीं। अध्यापकों ने पूछने पर बताया कि किताबें कार्यालय से नहीं मिल रही हैं। जिस कारण कई छात्र-छात्राओं पर किताबे नहीं हैं। नवम्बर माह समाप्त हो गया है। जल्द ही अर्द्धवाषकि परीक्षा होनी है और बच्चों पर किताबें ही नहीं हैं। इस पर एसडीएम ने तुरंत एबीएसए रचना सिंह से बात की तो उन्होंने किताबें भेजने की बात कही।

उच्चाधिकारियों को भेज दी रिपोर्ट

इस पर उपजिलाधिकारी ने बीएसए से बात की। बीएसए ने भी दो टूक जवाब दे दिया कि किताबें पूरी बंट गई हैं। इस पर उपजिलाधिकारी ने नगर के नगर शिक्षा अधीक्षक कार्यालय का औचक निरीक्षण किया जहां किताबों का पूरा स्टाक था। उन्होंने किताबें बांटे जाने के बारे में पता किया तो जानकारी मिली अभी दो दिन पूर्व किताबें आई हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए एसडीएम ने स्टॉक रजिस्टर मांगा जो तो मौके पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं दिखा सका।

अन्य कर्मचारी मोहम्मद आलम, दिनेश चंद्र वर्मा और मोहम्मद आजम अनुपस्थित थे। इन पर नाराजगी जताते हुए एसडीएम ने कार्यवाही हेतु अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है।

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