Bareilly News. शुक्रवार को बरेली के ग्राम प्रधानों ने सिविल लाइन स्थित सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में धरना दिया। फिर कलक्ट्रेट का घेराव कर नारेबाजी की। वह शौचालय की रकम में हेराफेरी के आरोप में दर्ज किये जा रहे मुकदमों का विरोध कर रहे थे। बौखलाए ग्राम प्रधानों ने आंदोलन कर मुकदमों को तुरंत वापस लेने की मांग की। कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्राम प्रधान डीएम को ज्ञापन देने पर अड़ गए। डीएम को गेट पर बुलाने की मांग की। एसीएम थर्ड को ज्ञापन देने से इनकार कर दिया और कलक्ट्रेट गेट पर धरने पर बैठ गए। कोतवाली पुलिस की दखल के बाद किसी तरह विवाद शांत हुआ।
बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में शौचालयों का निर्माण कराने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और सचिव को दी गई थी। जिला पंचायती राज विभाग ने शौचालयों की रकम प्रधान-सचिव के बैंक खाते में भेजी थी। मौके पर बड़ी संख्या में शौचालय नहीं बनाए गए, जबकि रकम खाते से निकाली गई। आधे-अधूरे शौचालय छोड़ दिए गए। इतना ही नहीं दो की जगह एक गड्ढे के शौचालय बना दिए गए। जांच में सच सामने आ गया।
इसके बाद सीडीओ के आदेश पर डीपीआरओ आरोपी ग्राम प्रधान और सचिवों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करा रहे हैं। शुक्रवार को अखिल भारतीय प्रधान संगठन की अगुवाई में सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में प्रधानों ने धरना दिया। आडिट के नाम पर शोषण करने की बात कही। कई गावों के ऑडिट की खामियां भी बताईं। दोपहर करीब 1.30 बजे पैदल मार्च निकालते हुए ग्राम प्रधान कलक्ट्रेट पहुंचे।
सुरक्षा कर्मियों ने कलक्ट्रेट का गेट बंद कर दिया। प्रधान डीएम को ज्ञापन देने की मांग करने लगे। एसीएम थर्ड ब्रजपाल सिंह ज्ञापन लेने पहुंचे मगर प्रधानों ने उन्हें बैरंग लौटा दिया। प्रदर्शनकारी प्रधान कलक्ट्रेट गेट पर ही धरने पर बैठ गए। थोड़ी देर में ही कोतवाल पहुंच गए। कोतवाल के समझाने के बाद प्रधान एसीएम थर्ड को ज्ञापन देने को तैयार हो गए। शनिवार सुबह प्रधानों का प्रतिनिधि मंडल डीएम के सामने अपनी मांगों को रखेगा।