बरेली। बरेली कॉलेज में चल रहे एनसीसी के 10 दिवसीय सीएटीसी यानि कम्बाइण्ड एनुअल ट्रेनिंग कैम्प का निरीक्षण ग्रुप कमाण्डर ब्रिगेडियर नीरज सेठ ने किया। उन्होंने ट्रेनिंग के साथ ही कैम्प के दौरान कैडेट्स को दिये जा रहे भोजन को देखा और पानी को पीकर चेक किया। भीषण गर्मी को देखते हुए कैडेट्स में पानी की कमी न होने देने की बात कही। साथ ही ऐसे बेहतरीन भोजन और ट्रेनिंग की बात कही कि कैडेट्स याद रखें।
ब्रिगेडियर नीरज सेठ के बरेली कॉलेज पहुंचते ही एनसीसी कार्यालय पर कैम्प कमाण्डेण्ट कर्नल आशुतोष बहुगुणा और डिप्टी कमाण्डेण्ट ले.कर्नल शिशिर अवस्थी ने उनकी अगवानी की। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके तुरन्त बाद ब्रिगेडिर सेठ कैम्प की व्यवस्थाओं के निरीक्षण के लिए पहुंचे।
सबसे पहले उन्होंने कैम्प के दौरान दिये जा रहे पानी की व्यवस्था देखी। पानी को टैंक से निकलवाकर स्वयं पीकर देखा। फिर भोजनालय पहुंचकर खाना बनता देखा। भोजन बना रहे लोगों से जानकारी ली। साथ चल रहे कैम्प कमाण्डेण्ट को स्पष्ट निर्देश दिये कि कैडेट्स में पानी और मिनरल्स की कमी न होने पाये। यहां से वह कैडेट्स की क्लास में पहुंचे। वहां लेफ्टिनेण्ट नन्द किशोर माथुर ट्रेनिंग दे रहे थे। उन्होंने कैडेट्स की ट्रेनिंग की जानकारी ली। कैडेट्स के लिविंग प्लेस देखा, एमआई रूम भी देखा।
यहां मीडिया से बात करते हुए ब्रिगेडियर सेठ ने भरोसा जताया कि एनसीसी की ट्रेनिंग के बाद छात्र-छात्राओं में गुणात्मक सुधार होता है। कहा कि ये एनसीसी कैडेट्स देश की तरक्की में योगदान देंगे। एक सवाल के जवाब में बोले- भारत की आबाद बहुत बड़ी है ऐसे में सभी लोगों को एनसीसी जैसी ट्रेनिंग मौजूदा संसाधनों में नहीं दी जा सकती। लेकिन एनसीसी कैडेट्स समाज में जाकर अपने आसपास के लोगों को प्रेरित कर सकते हैं।
कैम्प कमाण्डेण्ट कर्नल आशुतोष बहुगुणा ने बताया कि कैम्प में कैडेट्स सेना के तौर-तरीकों एवं अनुशासन के साथ ड्रिल, फायरिंग, टेण्ट पिचिंग, मैप रीडिंग आदि सीखते हैं। ले. कर्नल शिशिर अवस्थी ने बताया कि कैम्प में मावलंकर शूटिंग कम्पटीशन एवं थल सैनिक कैम्प के कैडेट्स को तैयार किया जा रहा है।
प्रभारी अधिकारी डॉ. अंचल अहेरी ने बताया कि कैम्प में बरेली के साथ ही मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर, धामपुर, शाहजहांपुर, बदायूं के 600 कैडेट्स भाग ले रहे हैं। कैम्प संचालन में मेजर जावेद खालिद, मेजर पी.के. वर्मा, मेजर एलबी सिंह, सूबेदार मेजर गोपाल सिंह, लेफ्टिनेण्ट वीके गौतम, ए.के. त्यागी, मुरारी लाल, सूबेदार विनोद बडोनी, सूबेदार जरनैल सिंह, टीकाराम शर्मा, सुधीर वर्मा और हवलदान दिलीप शर्मा का विशेष योगदान है।