बरेली। कोविड-19 की दूसरी लहर में अप्रैल-मई में बरेली के आधा दर्जन से अधिक पत्रकारो को कोरोना निगल गया। कोविड संक्रमण से दिवंगत पत्रकारों के परिवारीजनों को आर्थिक सहायता देने के साथ ही सभी पत्रकारों को कोरोना वारियर्स भी मानने की पत्रकार संगठन उपजा (उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन) ने मांग की है। उपजा के प्रदेश महामंत्री रमेश चंद्र जैन एवं प्रदेश उपाध्यक्ष निर्भय सक्सेना केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार को इस बाबत कई ई-मेल और पत्र भेज चुके हैं।
प्रसार भारती से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार आशीष अग्रवाल का 20 अप्रैल को, दैनिक विश्व मानव से जुड़ी रहीं नूतन सक्सेना का 25 अप्रैल को, अमर उजाला एव दैनिक जागरण से जुड़े रहे रामा बल्लभ शर्मा एडवोकेट का 30 अप्रैल को, दैनिक दिव्य प्रकाश के संपादक प्रशांत सुमन का 5 मई को, फरीदपुर के रहने वाले एवं दिल्ली में कार्यरत प्रशांत सक्सेना एवं बरेली के ही रहने वाले एवं राष्ट्रीय सहारा में कार्यरत सुभाष पाठक का 14 मई को तथा विश्व मानव एवं स्वतंत्र भारत से जुड़े रहे मोहम्मद यूसुफ का 23 मई को कोविड संक्रमण वजह से निधन हो गया।
उपजा प्रेस क्लब के सचिव आशीष कुमार जौहरी ने कहा है कि पत्रकार जहां अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना जैसी महामारी में भी निर्भीकता के साथ अपना कार्य कर रहे हैं, वही उनके निधन पर सरकार द्वारा ने तो किसी भी प्रकार की सहायता उपलब्ध है और न ही उनको कोरोना योद्धा माना जाता है। ऐसे में उपजा प्रेस क्लब परिवार ने अपने वरिष्ठ साथी मोहम्मद यूसुफ के लिए हर संभव प्रयास किया और प्रेस क्लब द्वारा स्थापित पंकज शुक्ला फाउंडेशन के माध्यम से उनके इलाज के लिए धनराशि दी गई। उपजा प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ पवन सक्सेना ने मोहम्मद यूसुफ के पुत्र को यह धनराशि प्रदान की। डॉ पवन सक्सेना, महामंत्री धर्मेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष कृष्ण राज यादव, डॉ राजेश शर्मा, मनीष अग्रवाल, पुत्तन सक्सेना, विपिन शर्मा, पूर्व सांसद प्रवीण सिंह एरन, बरेली की पूर्व मेयर सुप्रिया एरन आदि ने कोरोना संक्रमण से पत्रकारों के निधन पर दुख जताया है। उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष निर्भय सक्सेना ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से प्रदेश में कोविड संक्रमण से दिवंगत हुए पत्रकारों के परिवारीजनों को आर्थिक सहायता देने के साथ ही सभी पत्रकारों को कोरोना वारियर्स भी मानने की मांग की है।