बरेली, 18 अगस्त। चतुर्मास के दौरान गर्मी और उमस का आलम। इधर-उधर नल खोजते प्यासे और परेशान लोग और बदहाल पड़े इंडिया मार्का नल। कुछ यही तस्वीर इन दिनों यहां-वहां देखने को मिल जाती है। चाहे व्यापारियों का इलाका यानि बाजार हो या फिर जिला अस्पताल या भीड़-भाड़ वाला अन्य कोई स्थान। सभी जगह यही हालात नजर आते हैं। परिणामस्वरूप व्यापारी वाटर कैन खरीदने को मजबूर हैं तो आम आदमी बोतलबंद पानी।
महाराणा प्रताप जिला चिकित्सालय में हैडपम्प खराब पड़े हैं फर्श टूटा हुआ है। इससे लोगों को पानी पीने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। आंवला क्षेत्र से किसी मरीज के साथ आये नेतराम हाथ में बोतल लिये घूम रहे थे। पूछने पर नल की ओर इशारा करके बोले यही हालात हैं। अब बाहर जा रहे हैं बाहर कहीं से पानी लायेंगे। वरना बोतल खरीदनी पड़ेगी।
यही हाल कुतुबखाना पुलिस चैकी का भी है। यहां भी इकलौता हैडपम्प खराब पडा है। यह नल ऐसे स्थान पर है जहां से हजारों लोेेेेेेेेग गुजरते हैं। इसी तरह पंजाबी मार्केट में लगा नल भी सालों से बंद है। यहां व्यापारियों का कहना है कि यह नल बीते करीब दो साल से ऐसे ही पड़ा है। कई बार जनप्रतिनिधियों और निगम के अफसरों को दिखा भी चुके हैं लेकिन कोई पुरसाहाल नहीं है। अब वाटर कैन मंगाते हैं।
बता दें कि शहर में कई सार्वजनिक स्थानों पर हैडपम्पों की ऐसी ही दयनीय स्थिती बनी हुई है। कुछ नल गल चुके है तो कुछ गलने के कगार पर है। कुछ हैडपम्प रिबोरिंग होने को हेै, तो कुछ रिपेयरिंग के इंतजार में हैं। कारण जो भी हो उमस भरी गर्मी के इस मौसम में आम आदमी पानी के लिए इधर-उधर परेशान घूम रहा है और जनता को पानी पिलाने के लिए जिम्मेदार लोगांे पर कोई असर नहीं है। हां, इस सबके बीच किसी को फायदा है तो बोतल बंद और वाटर कैन में पानी बेचने वाले व्यापारियों को।