आंवला (बरेली)। जैसे-जैसे सूरज की तपिश बढ़ रही है लोग हलकान हो रहे हैं वैसे-वैसे तहसील क्षेत्र के सरकारी वाटर कूलर्स के गले भी सूख गये हैं। ये वाटर कूलर्स या तो अपने स्थान से गायब हो गये हैं या खराब पड़े हैं। नतीजा राहगीर दो घूंट पानी को तरस गये हैं। बता दें कि पालिका द्वारा करीब 2 साल पहले नगर के विभिन्न स्थानों, चौराहों, अस्पतालों, बस स्टैंड व सार्वजनिक स्थलों पर ठंडे पानी की मशीने लगाई थीं। लेकिन सरकारीपन ने इन मशीनों के गले को सुखा दिया।
रखरखाव न होने से खराब पड़ी हैं मशीनें
पालिका में बदले निजाम और ठीक प्रकार से रखरखाव न हो पाने से भीषण गर्मी के मौसम में कई स्थानों से टैंक व मशीनें ही गायब हो गईं। जहां रह गयी हैं तो वे खराब पड़ी हैं। कई मशीनें और उनके टैंक पालिका कर्मी खोलकर ले गए जो पालिका के कबाड़े में पड़ी हैं।
बता दें कि पूर्व चेयरमैन के कार्यकाल में नगर के विभिन्न स्थानों पर 17 वाटर कूलर्स लगाये गये थे जिससे शहरवासियों को गर्मी में ठंडा व शुद्ध पानी मिल सके। बीते छह महीने से रखरखाव व देखभाल न होने से इनमें से अधिकांश खराब पड़ी हैं। पूर्व चेयरमैने आबिद अली पालिकाध्यक्ष पर लापरवाही और जनउपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पालिकाध्यक्ष संजीव सक्सेना को जिताकर जनता पछता रही है।
सप्ताह के अंदर ठंडा पानी देने लगेंगे वाटर कूलर्स
वहीं पालिका के वर्तमान चेयरमैन संजीव सक्सेना ने स्वीकारा कि नगर में लगी ठंडे पानी की अनेक मशीनें खराब हैं। कई ठीक करा दी गई हैं और शेष वाटर कूलर्स भी एक सप्ताह के अंदर ठीक होकर ठंडा पानी देने लगेंगे। जो मशीनें पालिका में रखी हैं उनको भी शीघ्र ठीक कराकर यथास्थान लगवा दिया जाएगा, जिससे जनता को हो रही परेशानी से निजात मिल जाएगी। साथ ही इस भीषण गर्मी में ठण्डे पानी की उपलब्धता से उन्हें राहत मिलेगी।