सैफई (उत्तर प्रदेश)। यह होली मुलायम सिंह यादव परिवार के लिए शुभ संकेत लेकर आयी। राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते एक-दूसरे से दूर चले गए चाचा-भतीजा करीब आते नजर आए। मंगलवार को यादव परिवार के पैतृक गांव में पूरा कुनबा जुटा। अखिलेश यादव ने आगे बढ़कर चाचा शिवपाल यादव के चरण स्पर्श किए, ऐसा लगा कि सारे गिले-शिकवे दूर हो गए। यह देखकर खुशी से झूम उठे उनके समर्थकों ने नारा लगाया, “अखिलेश भइया-शिवपाल चाचा जिंदाबाद।”

गौरतलब है कि इस होली के लगभग चार साल पहले मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, राम गोपाल यादव और शिवपाल यादव एक मंच पर आए थे। सैफई में इस बार की होली इसी वजह से खास रही कि परिवार के सब लोग साथ आए। इससे पहले शिवपाल यादव भी कई बार कह चुके हैं कि वह अखिलेश यादव के साथ गठबंधन करने को तैयार हैं।

सैफई में इस बार भी हर साल की तरह होली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आवास पर इसका आयोजन हुआ। यहां पर बने मंच पर सबसे पहले अखिलेश यादव पहुंचे और फाग गायन का आनंद लिया। करीब एक घंटे बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मंच पर पहुंच गए। इसके एक घंटे बाद प्रसपा लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव अपने बेटे अंकुर उर्फ आदित्य यादव के साथ मंच पर पहुंचे। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव भी अपने पुत्र पूर्व सांसद अक्षय यादव के साथ पहुंचे। मंच पर पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव और नेताजी के बचपन के साथी सैफई के प्रधान दर्शन सिंह यादव पहले से मौजूद थे। अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव समेत सभी बड़ों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और सभी को होली की बधाई दी। परिवार के सदस्यों ने एक दूसरे को बधाई दी तो गिले शिकवे भी मिटते नजर जाए।

2016 में शुरू हुए झगड़े ने तोड़ दी समाजवादी पार्टी

परिवार के साथ ही समाजवादी पार्टी को भी दोफाड़ कर देने वाला यह विवाद 2016 में शुरू हुआ था। सपा पर एकाधिकार को लेकर शिवपाल और अखिलेश यादव के झगड़े ने खूब किरकिरी कराई। 2017 में अखिलेश यादव को सत्ता भी गंवानी पड़ी। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा लोहिया) के नाम से अपनी पार्टी भी बना ली। उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन नतीजा सफर रहा। झटका सपा को भी लगा और परिवार की बड़ी बहू डिंपल यादव तथा धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव चुनाव हार गए।

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