आंवला (बरेली)। दो दिन पूर्व नगर के एक अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही के चलते हुई प्रसूता की मौत के मामले में प्रशासन ने अस्पताल को सीज कर दिया। इसके अलावा एसडीएम ने एक झोलाछाप डॉक्टर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। उसे बाद में सिंचाई मंत्री के प्रतिनिधि ने दबाव बनाकर छुड़वा लिया।
शनिवार को उपजिलाधिकारी विशुराजा बरेली मार्ग स्थित न्यू जीवनज्योति अस्पताल पहुंचे। वहां पहुंचकर जब उन्होंने अस्पताल के कागजात मांगे तो वहां मौजूद स्टाफ आनाकानी करने लगा। इस पर तत्काल उपजिलाधिकारी विशुराजा ने सीएमओ विनीत शुक्ला को फोन करके कड़ी कार्रवाई करने को कहा।
बाद में एसीएमओ रंजन गौतम अपनी टीम के साथ पहुंचे और उस जीवन ज्योति अस्पताल को सील कर दिया, जहां प्रसूता की मौत हो गयी थी। यहां बता दें कि कुछ दिनो पूर्व नगर के बरेली मार्ग स्थित न्यू जीवन ज्योति अस्पताल में एक प्रसूता की मौत हो गई थी। परिजनों ने डॉक्टर सहित लापरवाह स्टाफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
SDM ने पुलिस को सौंपा झोलाछाप डॉक्टर
इसके बाद उपजिलाधिकारी ने अभियान चलाकर नगर के झोलाछापों पर कार्यवाही प्रारम्भ की । कार्यवाही की भनक लगते ही झोलाछाप अपनी दुकानों के शटर बंद कर भाग गये। इस दौरान महाराजपुरम में एक क्लीनिक पर छापे के दौरान मरीजों का इलाज कर रहे एक झोलाछाप डॉक्टर से जब उपजिलाधिकारी ने कागज मांगे, तो वह नहीं दिखा पाया। इस पर एसडीएम विशुराजा ने उसकी दुकान में ताले डालवा दिये। साथ ही कथित डॉक्टर को पुलिस के हवाले कर दिया।
उपजिलाधिकारी का कहना है कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान निरन्तर जारी रहेगा। लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
झोलाछाप को BJP नेताओं ने छुड़ाया
महाराजपुरम में एसडीएम द्वारा एक झोलाछाप पर कार्यवाही करते हुए उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। बाद में उसे छुड़ाने के लिए सिंचाई मंत्री के प्रतिनिधि भाजपाईयों के साथ थाने पहुंचे। पुलिस ने उनके दबाव में अवैध रूप से क्लीनिक चला रहे झोलाछाप को छोड़ दिया।