बरेली। इस्लामिया इंटर कालेज मैदान पर आला हजरत के 98 वें कुल शरीफ की रस्म में लाखों जायरीन ने शिरकत कर अकीदत का नज़राना पेश किया। उर्स के तीसरे और अंतिम दिन कुल शरीफ की रस्म अदा की गयी। इसमें सबसे पहले दरगाह आला हजरत के प्रमुख सुब्हानी मियां की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मौलाना अहसन रजा कादरी की सदारत में उलमा की तकरीर हुईं। उर्स में आखिरी दिन तीन तलाक और समान नागरिक संहिता को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरी गई।
उलेमाओं ने तकरीर करते हुए कड़ी चेतावनी दी है और कहा है कि शरियत के मामले में केन्द्र सरकार को कतई नहीं बोलना चाहिए। उलमा मुफ्ती शहरयार कटियारवी ने खुले तौर पर एलान किया कि शरीयत में दखल देने वाली हुकूमत टिक नहीं पातीं।साथ ही चेताया कि मुल्क के करोड़ों मुसलमान सड़कों पर उतर आएंगे। उन्होंने कुल में मौजूद सभी मुसलमानों को हाथ उठवाकर संकल्प दिलाया कि छोटी.छोटी बातों पर तलाक नहीं देंगे और अगर तलाक की जरूरत भी हो तो एक बार में एक तलाक ही देंगे। एक साथ तीन तलाक नहीं देंगे। तलाक का असल तरीका जानना होगा। किन हालात में तलाक देना चाहिए किन हालात में नहीं शरीयत की इस व्यवस्था को समझने की जरूरत है।
दरगाह के प्रवक्ता मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी ने कहा कि बरेली से समाज में नफरत फैलाने में लगी ताकतों के खिलाफ मुहिम छेड़ी जाएगी। इसके लिए तमाम खानकाहों को एकजुट करने की भी कोशिश होगी।
इमाम नदीम रज़ा ने कहा कि हमे अपना जीवन सुकून शान्ति से व्यतीत करना है तो अल्लाह के बतायें रास्ते पर चलना होगा। नफरत और दुश्मनी को मिटाना होगा। दुनिया में होने वाले खूनखराब और नफरत से अमन पसंद लोग ऊब चुके हैं। हमे इन परिस्थितियों में चाहिए कि अल्लाह के बताये रास्ते पर चले तालिम हासिल करें और जिंदगी के असल मकसद को समझें।
इस मौके पर मौलाना सगीर जोखनपुरी मौलाना राबे नूरानी इत्यादि ने भी विचार रखे।यहां के कार्यक्रम की व्यवस्था सलमान हसन खां, नारिस कुरैशी, खलील कादरी, बखतीयार खां, अतीक, अजहर बेग, ने संभाल रखी थी।