निर्भय सक्सेना, बरेली : मेट्रो शहरों में होली का हुड़दंग भले ही आजकल कम हो गया हो पर स्मार्ट सिटी बरेली में होली के आगमन की आहट के साथ ही हुरियारों के कार्यक्रम अपने-अपने अंदाज में अभी से बनने शुरू हो गए हैं। हुरियारों ने अपने बड़े-ब़ड़े पम्प निकाल कर उनमें तेल-पानी करने के साथ ही मरम्मत भी करानी शुरू कर दी है। कोविड -19 के इस कठिन काल में भी कुतुबखाना, कोहाड़ापीर की कई दुकानों पर पीतल के लंबे हैंडपम्प बिक्री के लिए सज गए हैं। 28 मार्च 2021 को होली पर ही होने वाले महामूर्ख सम्मेलन पर भी मंत्रणा चल रही है।
बरेली की आउटर कॉलोनियों की बात की जाए तो वहां होली का उत्साह अब सिमटता जा रहा है। इसके विपरीत बमनपुरी, बिहारीपुर, चाहवाई, बजरिया पूरनमल, कालीबाड़ी, सिकलापुर, कोहाड़पीर श्यामगंज, मढ़ीनाथ, सुभाषनगर, आलमगिरीगंज, बड़ा बाजार जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में फाल्गुन पूर्णिमा पर निकलने वाली रंगबारात को लेकर भारी उत्साह है।
हिंदी सोशल ट्रस्ट के गुलाबराय इंटर कॉलेज मैदान पर आयोजित होने वाले ‘होली मिलन समारोह’ का भी ऐतिहासिक महत्व है। इसमें सभी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के स्टाल लगते हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोग गले मिलकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। समारोह में जिले के अधिकतर विधायक, सांसद, मंत्रीगण, प्रमुख प्रशानिक/पुलिस अधिकारी, व्यापारी नेता, डॉक्टर, समाजसेवी आदि शामिल होते हैं। वर्ष 2020 में आयोजित इस होली मिलन समारोह में मानव सेवा क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा, महामंत्री अभय भटनागर, मुकेश सक्सेना, राजन विद्यार्थी, निर्भय सक्सेना, इंद्रदेव त्रिवेदी ने मास्क बांट कर आम लोगो को कोविड-19 के प्रति जागरूक किया था। दुर्भाग्यवश कोरोना संक्रमण की रफ्तार पढ़ने की वजह से इस बार इस ‘होली मिलन समारोह’ का आयोजन नहीं हो रहा है।
बरेली शहर में होली दहन वाले अधितर स्थानों पर गोबर लेपन के बाद पेड़ो की टहनियां का ढेर लग गया है। कालीबाड़ी, सिकलापुर, गंगापुर, पुराना शहर, चाहबाई, गुलाबनगर, बिहारीपुर, बमनपुरी, मढ़ीनाथ, सुभाषनगर प्रेमनगर, राजेन्द्र नगर में ऐसे दृश्य देखे जा सकते हैं। बमनपुरी, चाहबाई की रंगबारात के आयोजकगण प्रशासनिक और पुलिस अनुमति-पत्र पाने की प्रक्रिया में जुटे हैं।
श्री रामलीला सभा बमनपुरी की रंगबारात (होली की बारात) पिछले 160 वर्ष से निकलती आ रही है जिसमें चाहबाई से निकलने वाली रंगबारात (भगवान नरसिंह की शोभायात्रा) कुतुबखाना पर मिल जाती है। इसके बाद यह विशाल रंगबारात पूरे शहर में भ्रमण कर अपने गंतव्य पर समाप्त होती है। इस रंगबारात में ट्रैक्टर ट्रॉली और बैल ठेलों पर पानी से भरे बड़े-बड़े ड्रम रखे होते हैं। इन पर सवार हुरियारे रास्ते भर मोर्चा खेलते, रंग-गुलाल उड़ाते चलते हैं। कालीबाड़ी, आलमगीरी गंज में बड़े-बड़े ड्रमों और कढ़ावों में रंग भरकर लोग रंगबारात का इंतजार करते हैं और आमना-सामना होने पर रंगों का जबर्दस्त मोर्चा होता है।
इस बार श्री रामलीला सभा की 161वीं होली की रामलीला के लिए 23 मार्च को बमनपुरी में पूजन के बाद झंडी यात्रा निकाली गई। इसमें बरेली की पूर्व महापौर सुप्रिया एरन, राधा कृष्ण शर्मा, महामंत्री, इंद्रदेव त्रिवेदी, जनार्दन आचार्य, महेश पंडित, विशाल मेहरोत्रा आदि ने भाग लिया। कमल टाकीज परिसर में ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन के बैनर पर कबीर पुरस्कार विजेता जेसी पालीवाल के निवास पर ‘महामूर्ख सम्मेलन’ भी रंगबारात वाले दिन ही सांयकाल को होता आ रहा है। इस बार 31वीं बार 28 मार्च 2021 को सायं 4 बजे से होगा। पालीवाल जी बताते हैं कि 1990 में शुरू हुआ यह महामूर्ख इस वर्ष कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए होगा।
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