बरेली। अलीगंज के गांव खैलम में अभी माहौल शान्त नहीं हुआ है। रविवार को पुलिस अधिकारियों गांव की गलियों में घूमकर हालात का जायजा लिया। लोगों से बात कर माहौल को सामान्य बनाने पर जोर दिया। गांव की सीमाएं सील कर दी गयी हैं। किसी भी राजनीति पार्टी के नेता का गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस बीच रविवार को आईएमसी के कार्यकर्ता और नेताओं ने खैलम जाने का प्रयास किया तो उन्हें डीएम के सामने पेश किया गया। वहां से इन्हें हिदायत देकर छोड़ दिया गया।
बता दें कि तीन दिन पूर्व अलीगंज क्षेत्र के खैलम गांव में गुलडिया गौरीशंकर से भगवान शिव का जलाभिषेक कर लौट रहे कांवरियों पर पथराव किया गया। बाद में पुलिस ने सुरक्षा देकर कांवरियों को निकाला तो पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में फिर पथराव किया गया। इसमें एसडीएम, पुलिस कर्मी और कई कांवरिये घायल हुए थे।
रविवार को खैलम में हालात सामान्य करने के लिए आईजी एसके भगत,एसएसपी के साथ गांव पहुंचे। इसी बीच कमिश्नर डा. पीवी जगनमोहन भी पहुंच गये। क्षेत्र में शन्ति का महौल बनाने के लिए प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी प्रयास कर ही रहे थे कि आईएमसी के कार्यकर्ताओं ने गांव जाने की जिद करना शुरू कर दी।
सूचना मिली कि आईएमसी नेता डा. नफीस अहमद के नेतृत्व में कार्यकर्ता सिटी स्टेशन से गांव के लिए रवाना हो रहे हैं। इस पर पुलिस तत्काल हरकत में आयी और इन लोगों को समझाने का प्रयास किया। नहीं मानने पर डाक्टर नफीस, अफजल वेग, नदीम खां, मुनीर इदरीसी, समेत सभी को हिरासत में लेकर डीएम के सामने पेश कर दिया गया। इस दौरान डीएम बिक्रम सिंह के अलावा एसएसपी जोगेन्द्र कुमार, एसपी देहात ख्याति गर्ग, एसपी सिटी रोहित कुमार, व एडीएम ई,एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेड, समेत भारी संख्या मे पुलिस बल मौजूद रहा।
डाक्टर नफीस का आरोप था कि कावड़ निकालने के दौरान डीजे का खुलकर प्रर्दशन किया जा रहा है। वहीं कावड़ियों द्वारा मुस्लिम क्षेत्रों में उनके विरोघ में नारे लगा कर भड़काने का काम किया जा रहा है। पुलिस मूकदर्शक बन कर तमाश देखती रहती है। इस पर डीएम आर.विक्रम सिंह ने शान्ति बाहल कराने में सहयोग करने की अपील करते हुए चेतावनी दी कि यदि माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।