बरेली। दिमागी मलेरिया यानि फेल्सीपेरम मलेरिया ने पूरे जिले के साथ ही आसपास भी आतंक मचाया हुआ है। आईएमए में पिछले दिनों रक्त लेने वाले मरीजों के तीमारदारों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इससे एक हॉचपौच की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस बुखार के इलाज को लेकर डॉक्टर्स को सही और अद्यतन जानकारी देने के लिए आईएमए ने एक कदम बढ़ाया है।
आईएमए ने शनिवार को ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन (Trnsfusion Medicine) की एक क्लिनिकल मीटिंग बुलायी। इसमें शहर के चिकित्सकों को इस बुखार में किन परिस्थितियों में मरीज को खून चढ़ाया जाए, इसको लेकर जागरूक किया गया। संजयगांधी पीजीआई, (SGPGI) लखनऊ के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. धीरज खेतान ने रक्त चढ़ाने (Blood Transfusion) की बारीकियों को विस्तार से बताया। सीएमई में यह भी बताया कि गर्भवती महिला की डिलीवरी या किसी एक्टीडेण्टल केस में अधिक रक्तस्राव हुआ है या हो रहा है तो डॉक्टर्स को कितना रक्त या उसके अवयवों की जरूरत होगी।
स्वतः ही बन जाते हैं प्लेटलेट्स
इसके अलावा मुख्य फोक डेंगू और मलेरिया के मरीजों में रक्त की मांग को लेकर रहा। बताया कि यदि किसी मरीज के प्लेटलेट्स काउण्ट 10000 से कम हैं तभी रक्त या प्लेटलेट्स चढ़ायें। कहा कि डेंगू और मलेरिया के मरीजों को अनावश्यक प्लेटलेट्स चढ़ाये जाते हैं। जबकि यदि शरीर में रक्त की मात्रा सही है तो प्लेटलेट्स स्वतः ही बन जाते हैं।
आईएमए (IMA) अध्यक्ष डॉ. प्रमेन्द्र माहेश्वरी ने बताया कि इससे पूर्व मलेरिया बुखार को लेकर जिलाधिकारी वीरेन्द्र सिंह ने भी एक बैठक बुलायी थी। इसमें सरकारी डॉक्टर्स के साथ निजी चिकित्सक और आईएमए पदाधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में तय किया गया कि सरकारी डॉक्टर्स के साथ ही अधिक संवेदनशील क्षेत्रों में आईएमए के सदस्य भी कैम्प लगाकर लोगों का इलाज करेंगे। साथ ही उन्हें बुखार से बचने के लिए जागरूक भी करेंगे।
जलभराव और गंदगी से फैल रहा बुखार
डॉ. खेतान ने बताया कि बार बारिश अधिक हुई है। जिसके कारण जगह-जगह सफाई न होना, जलभराव होना आम हो गया है। ऐसे में मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। यह बातावरण फेल्सीपेरम परजीवी को पनपने का पर्याप्त माकूल वातावरण उपलब्ध करा रहा है। ऐसे में मच्छरों से बचाव प्रथम प्राथमिकता पर होना चाहिए। इसके अलावा फॉगिंग और कीटनाशकों का छिड़काव भी मच्छरों को रोकने मददगार होगा। साथ ही लोग अपने आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखें।
आईएमए (IMA) ब्लड बैंक में एडवांस मशीन
आईएमए की ब्लड बैंक में बायोराड कम्पनी की जेलकार्ड टैक्नोलॉजी से ब्लड की जांच करने वाली आधुनिकतम मशीन लगवायी गयी है। यह जानकारी आईएमए अध्यक्ष डॉ. प्रमेन्द्र माहेश्वरी और सचिव डॉ. विमल भारद्वाज ने दी। इस मौके पर मौजूद कम्पनी के प्रोडक्ट मैनेजर एस.सरवनन ने बताया कि पूरे भारत वर्ष में इस तरह की केवल 14 मशीनें लगी हैं। 85 लाख रुपये कीमत की चौदहवीं मशीन बरेली आईएमए ब्लड बैंक में लगायी गयी है।
ब्लड बैंक की निदेशक डॉ. अंजू ने बताया कि एक महंगी मशीन लाने के बावजूद मरीजों से कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा। इस अवसर पर आईएमए के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. सत्येन्द्र सिंह, डॉ. पारूल समेत कई प्रमुख चिकित्सक मौजूद रहे।