बरेली। बीएल एग्रो इण्डस्ट्रीज और खण्डेलवाल एडिबल ऑयल कंपनी चलाने वाले घनश्याम खंडेलवाल और दिलीप खंडेलवाल के 29 प्रतिष्ठानों पर इनकम टैक्स की रेड दूसरे भी जारी रही। दूसरे शुक्रवार को दिन आयकर विभाग ने करीब 200 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की आशंका जतायी। हालांकि कितना क्या पकड़ा है यह स्पष्ट नहीं किया गया।
आयकर अधिकारियों ने दस्तावेजों के आधार पर दावा किया कि बीएल एग्रो ने फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपये का लाभ लिया। जीएसटी से बचने के लिए अनब्रांडेड सामान बेचने लगे। बताया गया कि कंपनी के मालिक की करीबी महिला के यहां से भी बेनामी संपत्ति मिली है। जांच में दोनों उद्यमियों का सहयोग नहीं मिलने की बात भी अफसरों ने कही है।
बताया जाता है कि दिलीप खण्डेलवाल के घर से एक गोपनीय तिजोरी से 12 किलो सोना, बेशकीमती हीरे और अन्य जवाहरात मिले हैं। जिन्हें जब्त कर लिया गया है। इसके अलावा उनसे आलीशान मकान बनाने में लगी लागत और उसकी आय के स्रोत भी सिद्ध करने को कहा गया है।
करोड़ों रुपये का लिया लाभ, रिकार्ड नहीं
प्रधान आयकर निदेशक (जांच) अमरेन्द्र कुमार के अनुसार, बीएल एग्रो ने कोलकाता बेस दो कंपनियों में अपना कैश पम्प किया। उन कंपनियों को हाई प्रीमियम पर अपना शेयर बेच दिया। फिर सिक्योरिटी प्रीमियम ले लिया। यानी अपना करीब 30 करोड़ रुपये फर्जी कंपनी में जमा कर उसे अपने एकाउंट में ट्रांसफर कर लिया। कानपुर में हुई जांच में कंपनियां ट्रेस नहीं हो सकीं। करीब सात-आठ कंपनियां ऐसी बनाई, जिसमें करोड़ों रुपये का टर्नओवर दिखाया। उन कंपनियों में करीब 130 करोड़ रुपये लगाया। फिर कंपनी को आरएससी में बंद कर दिया। इसी के चलते अब उसकी डिटेल नहीं दिखाई दे रही है। निदेशक ने बताया कि अगर उद्यमी के पास दस्तावेज हैं तो वह उन्हें दिखाएं। अगर वह साबित नहीं कर पाते हैं तो टैक्स चोरी मानी जाएगी।
महिला मित्र के पास बेनामी सम्पत्ति
आयकर विभाग की टीम ने शुक्रवार को उद्यमी की करीबी मेगा ड्रीम होम निवासी और ब्यूटी पार्लर संचालिका रुचि संधू के प्रतिष्ठान पर भी छापेमारी की। वहां करीबी महिला के नाम कई बेनामी फ्लैट और जमीन मिली। इसके अलावा घनश्याम खंडेलवाल के रिश्तेदार वीरेंद्र खंडेलवाल के लोहिया विहार स्थित सर्वम एडिबल ऑयल्स कंपनी पर भी टीम ने छापा मारा। वहां भी रिकार्ड में हेराफेरी पाई गई है। अधिकारी ने शनिवार को दोनों का खुलासा करने का दावा किया है।
नहीं मिली भारी नकदी, सम्पत्तियों का पता लगाने में जुटे अफसर
अधिकारियों के मुताबिक, कारोबारी जीएसटी के बचने के लिए आपस में ही टर्नओवर को घुमाते रहे हैं। इसके लिए उन्होंने आटे, दाल समेत अन्य अनब्रांडेड आइटम में भी सेल की है। दस्तावेजों की जांच के बाद यह सामने आया बहुत अधिक कैश मिलने की उम्मीद थी। फिलहाल सनसनी फैलाने वाला कैश नहीं मिला है। उनकी संपत्तियों का पता लगाने में अधिकारी जुटे हैं। इसलिए तीसरे दिन भी जांच जारी रहेगी।