नयी दिल्ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई भारत-चीन सैनिकों की भिड़न्त ने ने विदेशी मीडिया में सुर्खियां बटोरी है। कल कुछ विदेशी मीडिया हाउस ने इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत बताया था, तो आज ताइवान टाइम्स ने लिखा है, ’भारत के राम ने चीन के ड्रैगन को मारा’। ताइवान के एक प्रमुख अखबार ताइवान टाइम्स ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक फोटो को अपनी website पर ‘फोटो ऑफ द डे’ बताया है। अखबार ने इस फोटो के लिखा कि भारत के राम ने चीन के ड्रैगन को मारा।
दूसरी तरफ अलजजीरा ने इस विवाद का शीर्षक दिया है, ’अमेरिकी समर्थन चाहेगा भारत’। अल जजीरा के मुताबिक, हालात एक खतरनाक मंजर की तरफ इशारा कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी अमेरिका से मदद और समर्थन चाहेंगे। चीन और अमेरिकी रिश्ते बुरे दौर से गुजर रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि ट्रंप के रूप में मोदी के पास ताकतवर मददगार मौजूद है। अगर दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच अगले कदम पर कोई बातचीत हुई है तो इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए।
सीएनएन के मुताबिक, भारत के 20 सैनिकों की जान गई। दोनों देशों की कोशिश है कि तनाव कम किया जाए। लेकिन, भारत में कुछ लोग चीन को दमदार जवाब देने की मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी पर दबाव बढ़ रहा है। भारत, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया की विशेषज्ञ एलिसा एयर्स ने कहा, कुल मिलाकर यह मुश्किल वक्त है। दोनों देशों के लोगों का रुख आक्रामक है, उन्हें जवाब चाहिए।
ब्रिटिश अखबार द गार्डियन के मुताबिक, हिमालय क्षेत्र में 1975 के बाद दोनों देशों का टकराव हुआ। 1967 के बाद यह सबसे हिंसक झड़प है। अब दोनों देशों के लोग भी एकजुट हो जाएंगे। वहां पहले ही राष्ट्रवाद के जुनूनी नारे बुलंद थे। एक चीज तो साफ है कि इस तरह की और झड़पों की आशंका है। दोनों देश अपनी-अपनी तरह से एलएसी तय करना चाहेंगे।
वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, चीन से कई देश चिंतित हैं। चीन की घुसपैठ का जवाब देने के लिए भारत के पास सीमित विकल्प हैं। मामूली झड़प बड़ी जंग में तब्दील हो सकती है। भारत की कोशिश है कि बातचीत के जरिए चीन को पीछे हटाया जाए और भविष्य में ऐसी किसी घटना से बचा जाए।
न्यूयॉर्क पोस्ट में दक्षिण एशियाई विशेषज्ञ माइकल कुग्लीमैन ने लिखा- दोनों देशों के बीच जंग मुश्किल है। दोनों ही इसका भार सहन करने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन, एक बात साफ है यह तनाव किसी जादू से और जल्द खत्म नहीं होगा। क्योंकि, दोनों देशों को काफी नुकसान हुआ है।
वाशिंगटन एग्जामिनर के जर्नलिस्ट टॉम रोगन ने लिखा, चीनी सेना ने भारत के राष्ट्रवादी शेर को उकसा दिया है। भारत के 20 सैनिक मारे गए हैं। चीन लद्दाख की पुरानी स्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है। अब मोदी पर दवाब होगा कि वो चीन को वैसा ही जवाब दें, जो उन्होंने फरवरी 2019 में पाकिस्तान को दिया था। (एजेंसियां)
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