BareillyLive: महानगर कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पर हुई पत्रकार वार्ता में आज महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश जमीदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम,1950 के तहत अनुसूचित जाति के किसी भी व्यक्ति को अपनी खेती की जमीन किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति को बेचने के लिए जिलाधिकारी से मंजूरी लेना अनिवार्य है मंजूरी देते समय जिलाधिकारी यह देखते है कि जमीन बेचने के बाद अनुसूचित जाति के व्यक्ति के पास 3. 125 एकड़ कम जमीन बचेगी या नहीं यदि अनुसूचित जाति के व्यक्ति के पास 3.125 एकड़ से कम जमीन रह रही हो तो जिलाधिकारी उसे जमीन बेचने की अनुमति नहीं देते है साथ ही जमीन बेचेने के लिए पहली शर्त यह थी कि जमीन बेचने वाले दलित का कोई वारिस न बचा हो दूसरी अनुसचित जाति का व्यक्ति किसी दूसरे प्रदेश में या कही और बस गया हो तीसरी शर्त कि परिवार के किसी सदस्य के जानलेवा बीमारी से ग्रस्त होने पर विपदा की स्थिति में इलाज के लिए जमीन बेचना उस के लिए अपरिहार्य हो जाए / अधिनियम इस लिए लाया गया था कि कोई भी रसुखदार व्यक्ति अपने धनबल व बाहुबल से किसी अनु0जाति के व्यक्ति की जमीन को जबरन हडप न ले।
परन्तु अब प्रदेश सरकार इस अधिनियम की शतों की समाप्त करने जा रही है, जिससे बडे- बडे व्यापारी एवं उद्योगपति दलितों की जमीनों पर अपने रसूख के बल पर कब्जा करने का प्रयास करेंगे और छोटे एवं मझोले दलित समुदाय के लोगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। कांग्रेस पार्टी सदैव गरीबों एवं दलितों के हितो के लिए संघर्षरत रही है इसी क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा लिये जा रहे इस प्रकार के दलित विरोधी निर्णयो को काग्रेस पार्टी घोर विरोध करती है। पत्रकार वार्ता में AICC सदस्य प्रेम प्रकाश अग्रवाल, PCC सदस्य नवाब मुजाहिद हसन, प्रदेश प्रवक्ता के बी त्रिपाठी, महानगर प्रवक्ता योगेश जौहरी, अनिल देव शर्मा, पारस शुक्ला पीसीसी सदस्य, राजेश कुमार, पूर्व पीसीसी मुकेश वाल्मीकि, जिला महासचिव जियाउर रहमान, महासचिव सर्वत हसन हाशमी, अमजद खान, कोषाध्यक्ष कमरूदीन शेफ़ी, सचिव फिरोज खान आदि प्रमुख कांग्रेसन मौजूद रहे।