बरेली। पत्रकार अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी के दौरान राजनीतिक विद्वेषवश की गई अमानवीयता की उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) ने कड़ी निंदा करते हुए इसे चौथे स्तंभ पर कुठाराघात कहा है। उपजा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत कृष्ण, महामंत्री रमेश चंद जैन और कोषाध्यक्ष अरुण जायसवाल ने कहा कि गोस्वामी को बिना जांच, बिना चार्ज और अदालत में आरोप सत्यापित हुए बिना ही मुलजिम करार देना पूर्वाग्रहों से ग्रसित होना प्रतीत हो रहा है।
उपजा ने कहा है कि गोसवामी के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज हुआ था। पर्याप्त सबूत होने पर और मुलजिम के फरार होने की संभावना होने पर गिरफ्तारी अगर जरूरी है तो मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद मानवीयता के दायरे में ही होनी चाहिए थी। पुलिस की इस निंदनीय कार्रवाई और अमानवीयता का उपजा कड़ा विरोध करती है। उपजा ने सभी पत्रकारो से चौथे स्तम्भ पर हमले के विरोध में अपनी एकजुटता अक्षुण्ण बनाए रखकर प्रेस की आजादी के लिए संघर्ष करने की अपील की है। साथ ही कहा है कि कुछ पत्रकार जज की भूमिका में आकर स्वयं निर्णय दे रहे हैं, इस विसंगति से भी बचना चाहिए।
उपजा के उपाध्यक्ष द्विजेन्द्र मोहन शर्मा, निर्भय सक्सेना, पवन नवरत्न, दिलीप गुप्ता, जयन्त मिश्रा, नृपेन्द्र सिंह श्रीवास्तव, सुनील वशिष्ठ एवं विशनपाल सिंह चौहान, सभी कार्यकारिणी सदस्यों, समस्त जिला कार्यकारिणी एवं समस्त उपजा परिवार ने भी अर्णव गोस्वामी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई और अमानवीयता की निंदा की है।