लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में यातायात व्यवस्था में सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए न केवल यातायात पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी बल्कि आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) को सभी 17 नगर निगम वाले जिलों, गौतमबुद्धनगर और नगर निकाय वाले 57 जिलों में भी लागू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि नई पीढ़ी को यातायात नियमों के प्रति जागरूक बनाने के लिए पाठ्यक्रम में यातायात नियमों को भी शामिल किया जाए।
उत्तर प्रदेश में इस समय लखनऊ और वाराणसी में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनजमेंट सिस्टम सबसे प्रभावी ढ़ंग से काम कर रहा है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का समावेश भी होगा। सभी जिलों में ट्रैफिक के कमांड सेंटर के जरिए यातायात प्रबंधन की आधुनिक व्यवस्था होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर सोमवार को यातायात निदेशालय के पुनर्गठन संबंधी प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में नगरीय और अंतरजनपदीय ट्रैफिक का प्रभावी संचालन एवं उसकी मॉनीटरिंग सबसे महत्वपूर्ण है। मॉनीटरिंग वीडियो वाल के जरिए की जाए और कहीं भी जाम की स्थिति न पैदा होने दी जाए। यातायात प्रबंधन में तकनीक का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने यातायात पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाकर करीब 23 हजार किए जाने का निर्देश भी दिए है। फिलहाल यातायात पुलिस और होमगार्ड के करीब 16 हजार जवान ट्रैफिक संचालन का काम संभालते हैं।
मुख्यमंत्री ने जगह-जगह पर यातायात संकेतों को लगाने के निर्देश भी दिए। पटरी दुकानदारों की वजह से यातायात प्रभावित ने होने पाये, इसके लिए वेंडिंग जोन की व्यवस्था की जाए। पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण बढ़ाने के साथ ही यातायात व्यवस्था संभालने में लगे होमगार्डों को भी प्रशिक्षण दिया जाए।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रस्तुतीकरण दिया। यातायात निदेशालय के विवरण के साथ यातायात पुलिस की संरचना, कार्य, उपलब्धियां, सड़क सुरक्षा ढांचे, बजट, तकनीकी प्रबंधन व चुनौतियों की जानकारी दी।
बैठक में पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी, एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।