Bareillylive : साहित्यिक संस्था शब्दांगन के द्वारा संस्था के कार्यालय बिहारीपुर खत्रियान पर अठारवीं लोकसभा के चुनाव के बाद परिचर्चा आयोजित की गई। जिसका विषय था – ‘लोक सभा चुनाव में कौन जीता – कौन हारा।’ इस परिचर्चा में भाजपा से प्रो के ए वार्ष्णेय और लोकतंत्र सेनानी विनोद गुप्ता, कांग्रेस से पूर्व सभासद महेश पंडित और एडवोकेट पंकज उपाध्याय, समाजवादी पार्टी से दीपक शर्मा और अनिल, बहुजन समाज पार्टी से कु भानुप्रताप सिंह और कैलाश शर्मा, तृणमूल कांग्रेस से सुमित मेहरोत्रा आमंत्रित किये गये थे। इस परिचर्चा के लिए दस प्रश्न तैयार किये गये थे, जो सभी को पहले ही दे दिए गए थे।

परिचर्चा में मुख्य बात यही गूंजी कि एनडीए गठबंधन सरकार बनाकर भी मायूस क्यों है और इंडिया गठबंधन हारकर भी इतने अधिक उत्साह से क्यों भरा हुआ है ? एन डी ए गठबंधन चार सौ पार क्यों नहीं हुआ, इसके लिए क्या चूक हुई ? इंडिया गठबंधन की देश के लिए कोई उपलब्धि नहीं है, फिर भी ज्यादा सीटें क्यों मिली? अयोध्या में हार के लिए कौन से कारक जिम्मेवार रहे? इसी प्रकार के अन्य तीखे प्रश्नों पर तीखी नोकझोंक हुई। कोई भी पक्ष बहस में अपने तर्क कमजोर नहीं होने दे रहा था।

सबसे अंत में कि कौन जीता कौन हारा का निष्कर्ष श्रोताओं ने यही निकाला कि जिसने सरकार बनाई, वो ही जीता। कई वक्ताओं ने आंकड़ों की बाजीगरी को भी तर्क में इस्तेमाल किया।
इस परिचर्चा में अन्य प्रबुद्ध लोगों में पूर्व पार्षद डाॅ सुरेश रस्तोगी, पत्रकार जनार्दन आचार्य, महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी, बुद्धिजीवी मुकेश शर्मा, मदन शर्मा, अरविंद सिंह कठेरिया, अरुण शुक्ला, विशाल शर्मा, पत्रकार निर्भय सक्सेना, व्यापारी नेता रामकृष्ण शुक्ला, विष्णु स्वरूप भारद्वाज, वंश कक्कड़, मुकेश पांडे और विद्यालय संचालक नवनीत वार्ष्णेय प्रमुख रूप से भागीदार रहे।
परिचर्चा का रोचक संचालन महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी ने किया और डॉ सुरेश रस्तोगी ने सभी को पुरस्कार भेंट किये।

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