Bareillylive : श्रीराम मूर्ति स्मारक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी (एसआरएमएस सीईटी) में ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में गणित और इसके अनुप्रयोग (आईसीएमएएसटी 2024)’ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुक्रवार को आरंभ हुआ। पहले दिन विश्व के ख्याति प्राप्त गणितज्ञ आनलाइन और आफलाइन रूप में सम्मेलन में शामिल हुए और अपने व्याख्यान दिए। सम्मेलन के टेक्निकल सेशन में 51 शोध पत्र भी प्रस्तुत किए गए। इसके उद्घाटन सत्र में एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी ने गणित से दूर भागने की नई पीढ़ी की प्रवृत्ति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन में गणित के बिना कुछ भी संभव नहीं। इसके बावजूद नई पीढ़ी का गणित से दूर भागना चिंताजनक है। ऐसे में इस विषय को बच्चों से जोड़ना आवश्यक है। गणित को बच्चों से जोड़ कर ही समाज के समग्र विकास का रास्ता बनाया जा सकता है।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थाईलैंड की थम्मासैट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वुतिफोल सिन्टुनावरत ने गुणवत्तापूर्ण जीवन के लिए गणित को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जीवन को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण है और टेक्नोलॉजी का होना सिर्फ गणित पर ही निर्भर करता है। सिन्टुनावरत ने सम्मेलन को सफल बताया और इसे विचारों के आदान प्रदान के लिए जरूरी कहा। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाली विश्व की उन्नति का रास्ता इन्हीं सम्मेलनों में विचारों के आदान प्रदान से ही निकलता है।
पंजाब केन्द्रीय विवि, बठिंडा के कुलपति प्रोफेसर राघवेंद्र तिवारी उद्घाटन सत्र में वर्चुअल रूप में शामिल हुए। उन्होंने दैनिक और सार्वजनिक जीवन में गणित के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पहली कक्षा से शुरू होने वाला गणित का साथ जीवन भर चलता है। वैदिक काल से ही शून्य का प्रयोग करना जाने वाली हमारी सभ्यता गणित के महत्व को जानती रही है। इसलिए हमने दैनिक जीवन में गुणा, भाग, जोड़, घटाव के प्रयोग के साथ ही इसका इस्तेमाल नक्षत्रों की गणना में भी सफलतापूर्वक किया। साइंस और टेक्नोलॉजी की कल्पना गणित के बिना की ही नहीं जा सकती।
पांडिचेरी विवि, पुडुचेरी के कुलपति प्रोफेसर के0 थारानिकरसुप्रो भी वर्चुअल रूप में सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने गणित को मदर आफ साइंस बताया। उन्होंने कहा कि ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में गणित और इसके अनुप्रयोग पर हो रहे शोध को जानने का सम्मेलन ने बड़ा मौका दिया है। इससे टेक्नोलॉजी के विकास पर विमर्श होगा और इसका फायदा मिलेगा।
इससे पहले श्रीराम मूर्ति स्मारक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी के प्राचार्य व कॉन्फ्रेंस के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रभाकर गुप्ता ने गणित को इंजीनियरिंग की आत्मा बताते हुए सभी का स्वागत किया। उन्होंने सम्मेलन में दुनियाभर के शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, उद्योग के पेशेवरों के ओर से दी जा रही नवीनतम जानकारी से छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद जताई। सम्मेलन के संयोजक डॉ. कमलेन्द्र कुमार ने कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा, पांडिचेरी विश्वविद्यालय, पुडुचेरी एवं श्रीराम मूर्ति स्मारक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी के संयुक्त रूप से आयोजित इस सम्मेलन में देश विदेश के 125 से अधिक रिसर्च स्कालर भी अपने शोध पत्रों और पेपर प्रस्तुत करेंगे। इसमें अपने देश के 22 प्रदेशों के डेलीगेट्स शामिल हैं। यहां 6 पेपर विदेशी विश्वविद्यालयों के डेलीगेट्स प्रस्तुत कर रहे हैं। सबसे ज्यादा 60 पेपर विभिन्न स्टेट यूनिवर्सिटी की ओर से प्रस्तुत किए जा रहे हैं। इसके साथ ही सेंट्रल यूनिवर्सिटी, डीम्ड यूनिवर्सिटी, आईआईएस ईआर, आईआईटी, एनआईटी, रिसर्च लैब सहित 13 संस्थानों के डेलीगेट्स दो दिनों में शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।
कॉन्फ्रेंस के उप संयोजक पंजाब केंद्रीय विवि बठिंडा के डा. दीप सिंह वर्चुअल रूप से ऑनलाइन मीटिंग में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गणितज्ञों को एक साथ सुनने का मौका मिलने से यह सम्मेलन मील का पत्थर साबित हुआ है। शोध को सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण मंच प्रदान करने के कारण यह यादगार है। कॉन्फ्रेंस के उप संयोजक पांडिचेरी विश्वविद्यालय पुडुचेरी के डा. पंकज शर्मा ने उद्घाटन सत्र में उपस्थित सभी अतिथियों और डेलीगेट्स का आभार जताया और सम्मेलन को ज्ञान के आदान प्रदान का महत्वपूर्ण जरिया करार दिया।
सम्मेलन के पहले दिन विश्व के ख्याति प्राप्त गणितज्ञ प्रोफेसर प्रेयरी व्यू ए एण्ड एम यूनिवर्सिटी (अमेरिका) के अली अकबर मोंतेजर हगीगी, ब्रातिस्लावा कमेनियस यूनिवर्सिटी (स्लोवाकिया) के प्रोफेसर मिशेल फेक्कन, थम्मासैट यूनिवर्सिटी (थाईलैंड) के प्रोफेसर वुतिफोल सिन्टुनावरत और यूनिवर्सिटी डेस एंटिल्स (फ्रांस) के प्रोफेसर जी0एम0 मोफू, पांडिचेरी विवि से प्रोफेसर राजेश्वरी शेषाद्री और मद्रास विवि से प्रोफेसर के0 कालीराज ने अपने अपने शोध पत्र पर व्याख्यान दिया।
उद्घाटन सत्र में हिमाचल विश्वविद्यालय की डा.शालिनी गुप्ता, ट्रस्ट एडवाइजर इंजीनियर सुभाष मेहरा, एसआरएमएस सीईटीआर के प्रिंसिपल डॉ.एलएस मौर्य, एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एयर मार्शल (डॉ.) एमएस बुटोला, नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डा.मुत्थु महेश्वरी, प्लेसमेंट सेल के निदेशक डॉ.अनुज कुमार, फार्मेसी की निदेशक डॉ. आरती गुप्ता, शैलेंद्र देवा, डॉ. शैलेश सक्सेना मौजूद रहे। उद्घाटन सत्र का संचालन साक्षी गोयल ने किया।