बरेली। रेलवे का अतिक्रमण हटाओ अभियान बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। शाहदाना के पास ईंट पजाया चौराहा के इर्द-गिर्द रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए कच्चे-पक्के मकानों को ढहा दिया गया। अतिक्रमण हटाने के दौरान लोग अधिकारियों से कुछ दिन की मोहलत मांग कर खुद अतिक्रमण हटाने की बात कहते रहे लेकिन उनकी एक न सुनी गई। सुरक्षा के लिहाज से आरपीएफ और जीआरपी के साथ बारादरी पुलिस भी मौके पर मौजूद रही।

पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार को 3 पक्के और 20 कच्चे कब्जे हटाए गए।

दरअसल, नैनीताल हाईकोर्ट से नोटिस मिलने के बाद इज्जतनगर मंडल के डीआरएम ने शाहदाना के ईंट पजाया चौराहे के पास वर्षों से ने अतिक्रमणकारियों के कब्जे वाली रेलवे की जमीन को खाली कराना शुरू कर दिया है। रेल प्रशासन को डर है कि कहीं बरेली में भी हल्द्वानी की गफूर बस्ती जैसी कोई बड़ी अवैध बस्ती तैयार न हो जाए। इसलिए मंगलवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया गया। हालांकि यह अभियान सोमवार को ही शुरू हो जाना था लेकिन पुलिस फोर्स न मिल पाने के कारण एक दिन टालना पड़ा।

मंगलवार को पहले दिन पुलिस फोर्स की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाओ दस्ते ने पूरी सख्ती बरतते हुए जेसीबी की मदद से 30 साल पुराने कई कब्जों को हटा दिया। 11 पक्के और 13 कच्चे निर्माण जिनमें झोपड़ियां भी थीं, ढहा दिए गए। यह चार दिवसीय अभियान 8 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से चल रही डेयरियों और लकड़ी की टालों आदि को हटाया जाएगा।

गौरतलब है कि रेलवे अपनी इस जमीन पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना बना रहा है। इसके अलावा इज्जतनगर से श्यामगंज की तरफ जाने वाली निष्प्रयोज्य रेल लाइन को हटाकर वहां फोरलेन सड़क बनाना भी प्रस्तावित है।

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