लखनऊ। पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू को 7 दिन बाद ही भाजपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। भाजपा सांसद ड़ॉ रीता बहुगुणा जोशी की आपत्ति पर यह कार्रवाई की गई है। जितेंद्र सिंह बबलू डॉ रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने के मामले में आरोपी हैं। पिछले दिनों लखनऊ आए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर रीता जोशी ने इस मामले को रखा। मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बबलू की सदस्यता रद्द कर दी।
पिछले बुधवार को भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में जिन लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली थी, उनमें अयोध्या से बसपा के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू भी शामिल थे। उनके उस समय मंच पर आते ही चर्चा शुरू हो गई थी कि 15 जुलाई 2009 की रात रीता बहुगुणा जोशी के हुसैनगंज स्थित आवास जलाने के आरोपित व्यक्ति की पार्टी में एंट्री आखिर किसके इशारे पर हुई। रीता जोशी के साथ ही पार्टी के कई और बड़े नेता भी इसे लेकर नाराज थे। इस मामले की सीबीसीआइडी को सौंपी गई थी और चार्जशीट लग चुकी है। मुकदमा अभी भी ट्रायल में है। जिस समय की यह घटना है, उस समय रीता जोशी जोशी कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष थीं।
बबलू के भाजपा में शामिल होने पर रीता बहुगुणा जोशी ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि बबलू के पार्टी में शामिल होने के समाचार से वह स्तब्ध हैं। जब वह मुरादाबाद में जेल में बंद थीं, तब लखनऊ स्थित उनके आवास को आग लगाने वालों की अगुआई बबलू ने ही की थी। जांच में आरोप सही पाए गए। भाजपा सांसद ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि अग्निकांड के आरोपित ने तथ्य छिपाकर भाजपा की सदस्यता ली होगी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि उनकी आपत्ति पर पार्टी नेतृत्व जितेंद्र की सदस्यता खत्म कर देगा।