बरेली। (journalist Vikram Joshi murder case) नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) से संबद्ध यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) ने गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी के आश्रितों को उचित सहयोग राशि (50 लाख रुपये) दिए जाने तथा इस जघन्य कांड के लिए जिम्मेदार उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि छेड़छाड़ का विरोध करने पर गुंडों के एक गिरोह ने विक्रम जोशी की सरेराह पीट-पीटकर एवं गोली मारकर हत्या कर दी थी।

दरअसल 16 जुलाई को कुछ बदमाशो ने  गाजियाबाद के विजय नगर में विक्रम जोशी की भांजी के साथ छेड़छाड़ की थी। तत्काल इसकी टेलीफोनिक सूचना तथा 17 जुलाई को लिखित तहरीर पुलिस को दी गई पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 20 जुलाई को रात उन्हीं गुंडो ने विक्रम जोशी को धमकाया। इसके कुछ समय बाद ही जब विक्रम घर वापस लौट रहे थे, उनकी बहन के घर से करीब 200 मीटर दूर 3 बाइकों पर सवार बदमाशों ने उनको घेरकर बाइक गिरा दी और बेटियों के सामने ही जमकर पीटने के बाद गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल विक्रम जोशी ने 22 जुलाई 2020 की सुबह अस्पताल में दम तोड़ दिया।

विक्रम जोशी के परिवार को पर्याप्त मुआवजे की मांग उठाने वालों में उपजा के अध्यक्ष रमेश चंद जैन, उपाध्यक्ष निर्भय सक्सेना, कोषाध्यक्ष अरुण जैसवाल आदि तथा दिल्ली पत्रकार संघ (डीजेए) के अध्यक्ष मनोहर सिंह और महामंत्री अमलेश राजू शामिल हैं। उपजा एवम डीजेए का मानना है कि पत्रकार विक्रम जोशी की मौत के लिए गाजियाबाद के उस एरिया का पुलिस तन्त्र जिम्मेदार है। दोनों पत्रकार संगठनों ने हमलावरों के संरक्षकों पर भी कार्रवाई की मांग की है।

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