बरेली, 23 दिसम्बर। ईद-मिलाद-उन नबी की पूर्व संध्या पर पुराने शहर से जुलूसे मोहम्मदी बड़ी धूमधाम के साथ निकाला गया। जुलूस में शहर भर से अन्जुमनों ने भाग लिया। इनमें कई अंजुमनों को पुरस्कृत किया गया। अन्जुमने इत्तेहादुल मुस्लिमीन के तत्वावधान में यह जुलूस मोहल्ला कागज़ी टोला छह मीनार मस्जिद मुन्ना खां के नीम के नीचे से शुरू हुआ।
जुलूस अपने परम्परागत रास्तों मीरा की पैठ, बुखारपुरा, बजरिया इनायतगंज पुलिया से होता हुआ रोहली टोला,जगतपुर हाफिज मियां के मजार से मुड़कर वापस कांकर टोला चैकी होता हुआ कोट, शाहदाना चैराह, आजाद इन्टर कालेज, कैथ का पेड़, रजा चैक, सैलानी होता हुआ वापस कागज़ी टोला पर पहुंच कर देर रात सम्पन्न हुआ। जुलूस का आगाज कुरान ख्वानी से हुआ।
इसके बाद कमेटी के स्व. पदाधिकारी शमीम उद्दीन, हाजी अहसान अहमद, नबी दाद खां, अब्दुल मुजीब, मो.उमर व बरकात उल्ला को याद करते हुए खिराजे अकीदत पेश की और मगफिरत के लिए दुआ की गयी। जुलूस की कयादत हजरत तहसीन मियां दरगाह के सज्जजा नशीन हजरत हस्सान रज़ा खां ने की। कायदे दस्तारबंदी कमेटी के संयुक्त सचिव हाजी नियाज अहमद ने की। इसी के साथ जुलूस के सरपरस्त नवाब मुजाहिद हसन खां, प्रो जाहिद खां, डा. एसयू चिश्ती, शाहिन ख्ंाा, डा. एसई हुदा, काज़ी, अनीस उद्दीन, जमाल पहलवान, कमेटी अध्यक्ष इमशाद हुसैन, उपाध्यक्ष निहान उद्दीन, करामत उल्ला, सनव्वर खंा, मो. उसमान, मो. जफर और अनवर हसन की दस्तारबंदी की गई। जुलूस में शामिल सभी अन्जुमनों के अध्यक्षों, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ डा. जावेद खां, डा. आरिफ नूरी,नासिर कुरैशी, अजमल नूरी, यासर की भी दस्तारबंदी की गई।
हाफिज मो. नवील रजा तहसीनी ने कुरान पाक की तिलावत की तथा अजफर रज़ा खां ने नात पाक का नजराना पेश करते हुए कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। डा. मो. शकील मिस्वाही ने पैगम्बरे इस्लाम की सीरत पर रौशनी डाली। कायदे जुलूस ने कमर चिश्ती को परचम सौंप कर जुलूस को आगे बढ़ाया और फिजां में आका की आमद मरहबा ईद मिलादुन्नबी जिन्दाबाद के नारे गूज उठे।
जुलूस में 120 अन्जुमनों के शिरकत की जो विभिन्न मोहल्लों से सज कर सैलानी होते हुए जुलूस में शामिल हुईं। अन्जुमनों को पुरस्कृत करनें के लिए निर्णायक मण्डल में मास्टर तौकीर सिद्दीकी, मौलाना अमीनुल कादरी, अखलाक अहमद, सैयद मोहसीन आलम. मो मुहिउद्दीन को रखा गया था। जुलूस का संचालन मो. तारिक सईद ने किया। हाफिज नियाज अहमद ने सभी के सहयोग पर धन्यवाद अदा किया। वांलियटर के रूप में शाहदाब शमीम, शबाब खान, फैहमी खान, तसलीम बेग, जावेद खान, जुल्फीकार नियाजी, माहे आलम, शाने अली तैनात थे।