कानपुर। (Kanpur Encounter) चौबेपुर के बिकरू गांव में पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) समेत आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के किलेनुमा घर में भूमिगत बंकर (Underground bunker) भी मिला है। दो बीघा जमीन पर चाहरदीवारी के अंदर बनी इस बिल्डिंग में शानो-शौकत और सुख-सुविधा को हर वह सामान मिला है जो बड़े-बड़े रईसों को ही नसीब होता है। जहां पुलिस की कई टीमें विकास दुबे की तलाश में छापेमारी कर रही हैं, वहीं उसके आलीशान आवास पर जेसीबी चला दी गई। यह वही जेसीबी है जिससे रास्ता बाधित कर पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी।

इससे पहले पुलिस ने करीब 30 घंटे तक इलाके को सील कर विकास के घर और कर्मचारियों के आवास के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली। सूत्रों के अनुसार दो बीघा जमीन पर 12 फीट ऊंची चाहरदीवारी के अंदर चार कमरे नए हैं जहां विकास रहता था। बाउंड्रीवॉल पर करीब दो फीट ऊंचाई में छल्लेदार कंटीले तार भी लगाए गए हैं। गांव वालों के मुताबिक नया घर सात-आठ साल पहले ही बना है। बाउंड्रीवाल के अंदर ही पैतृक घर भी है जहां अब नौकर-चाकर रहते हैं। घर में दाखिल होने के चार गेट  हैं। एक मुख्य द्वार है। दो गेट दाएं और बाएं वाली गलियों में खुलते हैं जबकि चौथा गेट पुराने घर से अंदर आने-जाने के लिए है। चारों गेट के बाहर और अंदर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार शनिवार सुबह पुराने मकान में एक अंडरग्राउंड बंकर मिला। मकान का ऊपरी फर्स साधारण लग रहा था और उस पर लकड़ी का तखत रखा हुआ था। शुरुआत में पुलिस टीम छानबीन करके चली गई। शक होने पर दोबारा जांच की गई। तखत हटाकर ठोका तो खोखलेपन की आवाज महसूस हुई। इसपर पुलिस को संदेह हुआ और पड़ताल की तो फर्श के नीचे बंकरनुमा तहखाना मिला। माना जा रहा है कि वारदात करने के बाद विकास इसी अंडरग्राउंड बंकर में छिप जाता था। जेसीबी सबसे पहले  चाहरदीवारी पर चली। इसके बाद कार खड़े करने के साथान को ढहाया गया।  यह वही जेसीबी है जिससे विकास दुबे ने पुलिस को गुमराह करके हमला किया था।

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