May 16, 2024

The Voice of Bareilly

मकर संक्राति पर श्री शिरडी साई सर्बदेब मंदिर मे होगा चौदह घंटे खिचडी भोज

BareillyLive: श्री शिरडी साई सर्बदेब मंदिर श्यामगंज के महंत पंडित सुशील कुमार पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि मकर संक्रांति के दिन किया गया दान का पुण्य कभी क्षीण नही होता व सदा से ही दान की परंपरा रही है इसके साथ खिचडी के अलग अलग महत्व है इसलिए मकर संक्रान्ति के खिचडी भोज करते है। श्री शिरडी साई सर्बदेब मंदिर श्यामगंज मे बिगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी 15 जनवरी 2024 सोमवार को प्रातः 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक बिना ब्रेक खिचडी भोज का आयोजन किया जाएगा

खिचड़ी खाने का अपना एक अगल महत्व है। इसलिए कहीं-कहीं मकर संक्रांति को ‘खिचड़ी उत्सव’ के नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति का यह पर्व प्रत्यक्ष रूप से भगवान सूर्य से जुड़ा है।खिचड़ी अलग-अलग रूपों में मकर संक्राति पर कई जगहों पर बनबा कर बांटी जाती है। मकर संक्रांति के पर्व को भारत के अन्य हिस्सों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है।

*खिचड़ी का महत्व : मकर संक्रांति को खिचड़ी के रूप में मनाये जाने के पीछे बहुत ही पौराणिक और शास्त्रीय मान्यताएं हैं। मकर संक्रांति के इस पर्व पर खिचड़ी का काफी महत्व है। मकर संक्रांति के अवसर पर कई स्थानों पर खिचड़ी को मुख्य पकवान के तौर पर बनाया जाता है खिचड़ी को आयुर्वेद में सुंदर और सुपाच्य भोजन की संज्ञा दी गई है। साथ ही खिचड़ी को स्वास्थ्य के लिए औषधि माना गया है। प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार जब जल नेती की क्रिया की जाती है तो उसके पश्चात् केवल खिचड़ी खाने की सलाह दी जाती है।

*खिचड़ी की शास्त्रीय मान्यता : शास्त्रीय मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने का बहुत ही महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति पर चावल, दाल, हल्दी, नमक और सब्जियों को मिलाकर खिचड़ी बनाई जाती है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी के सहायक व्यंजन के रूप में दही, पापड़, घी और अचार का मिश्रण भी किया जाता है।

*आयुर्वेद और ज्योतिष में खिचड़ी का महत्व : आयुर्वेद में चावल को चंद्रमा के रूप में माना जाता है। शास्त्रों में चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना गया है। काली उड़द की दाल को शनि का प्रतीक माना गया है। हल्दी बृहस्पति का प्रतीक है। नमक को शुक्र का प्रतीक माना गया है हरी सब्जियां बुध से संबंध रखती हैं। खिचड़ी की गर्मी व्यक्ति को मंगल और सूर्य से जोड़ती है। इस प्रकार खिचड़ी खाने से सभी प्रमुख ग्रह मजबूत हो जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन नए अन्न की खिचड़ी खाने से शरीर पूरा साल आरोग्य रहता है।