बरेली। खुशहाली फाउंडेशन और आरएसएस ने वृक्ष मित्र-ग्राम मित्र अभियान के अंतर्गत बुधवार को गांधी-शास्त्री जयंती किसानों को 65 हजार फलदार वृक्षों के पौधे बांटे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीधाम वृंदावन के महाराज विजय कौशल ने धरती को खुशहाली के लिए हरियाली से ढकने का आह्वान किया। कहा कि पत्थर की मूर्तियां बहुत पूज लीं। सृष्टि को बचाना है तो अब वृक्षों की पूजा करनी होगी। ये हमारी सांसों को स्वच्छ हवा, स्वास्थ्य, जीवन देते हैं। वरना अब ज्वालामुखी, भूकंप नहीं बल्कि प्रदूषण के कारण दूषित जल-वायु और भोजन की प्रलय मानव सभ्यता को भस्म करेगी।
आगे कहा कि प्रदूषण से मनुष्य का रक्त विषैला हो चुका है। अस्पताल भरे हुए हैं। बच्चों में टीवी है। कैंसर, खांसी-जुकाम जैसी बीमारियां हर पांचवें व्यक्ति में है, इससे बचाना होगा। बता दें कि पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र में जलवायु परिवर्तन पर हुई बहस-चिंतन किया गया था। कार्यक्रम का आयोजन एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय कैंपस में स्थित स्टेडियम में किया गया था।
महाराज विजय कौशल ने गायों पर भी चिंता रखी। बोले, गाय घट रहीं हैं और दूध बढ़ रहा। ऐसा कैसे। दूध क्या आकाश से बरस रहा है? शहर में बिकने वाला फल, सब्जी, दूध सब जहरीला है।
कार्यक्रम में लोगों को जन्मदिवस, पुण्य अतिथि और सालगिरह पर पौधे लगाने का संदेश दिया गया। मुख्य वक्ता आरएसएस के सह-सर कार्यवाहक डॉ. कृष्ण गोपाल ने पर्यावरण प्रदूषण पर गंभीर चिंता जतायी। बोले, पूरा विश्व इससे परेशान है। वैज्ञानिक, शोधकर्ता चिंतन में हैं कि वर्तमान सभ्यता अगले 100 वर्षो में धरती को रहने देगी या समाप्त कर देगी। धरती को बचाना है तो अगले 150 वर्ष तक हर साल 7000 करोड़ पौधे लगाने होंगे।
डॉ. गोपाल ने कहा कि देश में गरीबी है। बच्चे, महिलाएं कुपोषित हैं। विदेशी महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर 15 फीसद है, हमारी महिलाओं में यह सात-आठ फीसद।
डॉ. गोपाल ने कहा कि राजस्थान के गढ़िया लुहार और घुमंतू लोगों ने मुस्लिम आक्रामण के समय घर-द्वार छोड़ा। उनके बच्चे नालियों के किनारे रहते हैं। उन्हें शिक्षा-स्वास्थ्य क्यों नहीं मिल रहा? इसमें उनका क्या दोष है? जबकि देश का एक हिस्सा संपन्न हो गया। अब देश दो तरह से नहीं चल सकता। हर सक्षम व्यक्ति इन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी ले, बगैर किसी वर्ग, जाति-बिरादरी में विभेद किए।
उन्होंने कहा कि पहले गांव खुशहाल थे। समन्वय था। अब विभेद है, विवाद हैं। इसलिए गांवों का एक स्थान चिन्हित कर वहां हनुमान चालीसा, भजन-कीर्तन करें। इससे सामूहिक भाव पैदा होगा। शराब-तंबाकू पर रोक लगाएं। बुजुर्ग स्कूलों में जाकर बच्चों की पढ़ाई देखें। स्कूल सरकारी हैं मगर बच्चे तो सरकारी नहीं।
खुशहाली फाउंडेशन के संस्थापक समीर मोहन के प्रयासों को दोनों अतिथियों ने सराहते हुए रुहेलखंड को देश के लिए मॉडल बनाने का संदेश दिया। इस दौरान रुविवि के कुलपति प्रो. अनिल शुक्ल, आइवीआरआइ के निदेशक डॉ. आरके सिंह, सहायक प्रो. विजय यादव, प्रो. एके जेटली आदि मौजूद रहे।
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