Bareillylive : आज हर क्षेत्र में टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं। ऐसे में मरीज के गुणवत्तापूर्ण इलाज के लिए क्लीनिकल प्रैक्टिस में टेक्नोलाजी को शामिल करना आवश्यक है। इसके इस्तेमाल से मरीज को स्वस्थ करना आसान है। यह बात पीजीआई चंडीगढ़ के वरिष्ठ न्यूरोलाजिस्ट प्रोफेसर (डा.) एसके गुप्ता ने एसआरएमएस मेडिकल कालेज में रविवार को आयोजित न्यूरो ओंकोलाजी सीएमई में कही। उन्होने कहा कि मरीज के गुणवत्तापूर्ण इलाज के लिए क्लीनिकल प्रैक्टिस और टेक्नोलाजी का साथ जरूरी है और सभी चिकित्सकों को इसे अपनाना चाहिए।

न्यूरो ओंकोलाजी की एक दिवसीय सीएमई के पांच सत्रों में देश के नामचीन विशेषज्ञों के 17 व्याख्यान दिए। पैनल डिस्कशन में विशेषज्ञों ने विभिन्न केस के आधार पर दिए महत्वपूर्ण जानकारी दी। इसमें देहरादून, मेरठ, हल्द्वानी, बरेली सहित आसपास के जिलों के डेलीगेट्स शामिल हुए। मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन, पुष्पांजलि और सरस्वती वंदना के साथ रविवार को एसआरएमएस मेडिकल कालेज में न्यूरो ओंकोलाजी सीएमई के उद्घाटन सत्र आरंभ हुआ। इसमें मुख्य अतिथि पीजीआई चंडीगढ़ के वरिष्ठ न्यूरोलाजिस्ट प्रोफेसर (डा.) एसके गुप्ता ने टेक्नोलाजी को स्वीकारने, क्लीनिकल प्रैक्टिस पर ध्यान देने और मरीज की गुणवत्तापूर्ण जिंदगी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टेक्नोलाजी की मदद से मरीज को गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने में मदद की जा सकती है। उद्घाटन सत्र में एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति ने भी मरीज के गुणवत्तापूर्ण जीवन के लिए बीमारी के उपचार के साथ ही उसकी रोकथाम पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीमारी के उपचार से पहले ही उससे बचाव करना हमारी प्राथमिकता में रहा है। इसीलिए 2002 में मेडिकल कालेज की स्थापना के बाद ही टेलीमेडिसिन बसों के जरिए बरेली जिले के हर ब्लाक में जांच पर जोर दिया गया। बसों के जरिये मैमोग्राफी टेस्ट भी शुरू किया गया। इससे बीमारी के लक्षण होने से पहले ही तमाम मरीज खोजे गए और उनका उपचार किया गया। अब हमारा संकल्प हर गांव में हर घर की हेल्थ कुंडली बनाने का है।

इससे पहले उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि सहित सभी का स्वागत न्यूरो ओंकोलाजी अपडेट 2024 के आर्गनाइजिंग चेयरमैन व एचओडी प्रोफेसर (डा.) केशव मोहन झा ने किया। उन्होंने मेडिकल कालेज की उपलब्धियों की जानकारी दी। आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा.शशांक शाह धन्यवाद प्रस्ताव रखा और सीएमई को सामूहिक प्रयास का सफल परिणाम बताया। उन्होंने यहां गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के वाजिब कीमत पर मिलने की बात कही। उद्घाटन सत्र का संचालन डा.राशिका सचान ने किया। सीएमई में एसजीपीजीआई लखनऊ की डा.सुशीला जायसवाल, कुंतल कांति दास, अरुण श्रीवास्तव, सुयश सिंह, एसआरएमएस के डा.नीरज प्रजापति, डा.पवन मेहरोत्रा, डा.हिमांशी खट्टर एवं पीजीआई चंडीगढ़ के डा.एसके गुप्ता, डा. अपिंदरप्रीत सिंह तथा एम्स ऋषिकेश के डा. जितेंद्र चतुर्वेदी, मौलाना आजाद मेडिकल कालेज की अनुरिता श्रीवास्तव, मेदांता गुरुग्राम के दीपक भांगले, पारस गुरुग्राम के डा.मनमोहन सिंह, एएमयू अलीगढ़ के डा.रमन शर्मा, एएमयू अलीगढ़ के डा.सैफुल्ला खालिद आदि ने न्यूरो ओंकालाजी से संबंधित विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया।

इस मौके पर मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल एयरमार्शल (सेवानिवृत्त) डा.एमएस बुटोला, नर्सिंग प्रिंसिपल डा.मुथु महेश्वरी, सीएमई के को-आर्गनाइजिंग चेयरमैन डा.पियूष अग्रवाल, को-आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा.प्रवीण त्रिपाठी, साइंटिफिक चेयरमैन डा.शरद जौहरी, डा,बिंदू गर्गा, डा.शशिबाला आर्य, डा.मिलन जायसवाल, डा.तनु अग्रवाल, डा.अरविंद चौहान, डा.एसके सागर, डा.शोभित शर्मा, डा.अमित खन्ना, डा.आरके महाजन, डा.सुधीर गुप्ता, डा. कमल जिंदल, डा.सचिन सिंह, डा.विवेक उपाध्याय मौजूद रहे।

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