अखिल भारतीय साहित्य परिषद का सोलहवां त्रैबर्षीय अधिबेशनअखिल भारतीय साहित्य परिषद का सोलहवां त्रैबर्षीय अधिबेशन

बरेलीः अखिल भारतीय साहित्य परिषद का सोलहवां त्रैवर्षीय अधिवेशन राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय, अल्लीपुर, हरदोई में 25-26 दिसम्बर को संपन्न हुआ। अधिवेशन से लौट कर आये ब्रज प्रांत के प्रांतीय अध्यक्ष साहित्य भूषण सुरेश बाबू मिश्रा ने बताया कि अधिवेशन में देश के 22 प्रांतों के 388 साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया। दो दिन में छ: सत्रों में “साहित्य का प्रदेय” विषय पर गहन विचार-विमर्श एवम् चिन्तन किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील चंद्र त्रिवेदी ‘मधुपेश’ ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्य विचारों का अवरल प्रवाह है और यह वैचारिक क्रान्ति की पृष्ठभूमि तैयार करता है।

मुंबई से पधारे राष्ट्रीय महामंत्री डॉ ऋषि कुमार शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में देश की 28 भाषाओं के लगभग डेढ़ लाख साहित्यकार परिषद से जुड़े हैं। उन्होंने आगामी तीन वर्षों में सदस्य संख्या दस लाख तक पहुंचाने का आह्वान किया। परिषद के प्रांतीय कोषाध्यक्ष डॉ दीपान्कर गुप्ता ने बताया कि इस अधिवेशन में ब्रज प्रांत के बारह साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया। बरेली से चार साहित्यकार सुरेश बाबू मिश्रा, डॉ दीपान्कर गुप्ता, लक्ष्मीबाई विद्या मन्दिर इन्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य व जनपदीय उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह चौहान और जनपदीय संगठन मन्त्री एसके अरोरा अधिवेशन के इन गौरवपूर्ण क्षणों के साक्षी बने। उन्होंने बताया कि पूरी तरह से ग्रामीण परिवेश में आयोजित इस भव्य अधिवेशन ने सभी का मन मोह लिया। जितेन्द्र सिंह चौहान एवं एसके अरोरा ने कहा कि अधिवेशन ने उनके मन को अभिभूत कर दिया। यह अधिवेशन लम्बे समय तक उनके मानस पटल पर अंकित रहेगा।

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