आँवला। आंवला नगर पंचायत चुनाव में दो प्रमुख पार्टियों भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को यहां गैरों से कम अपनों से ही कड़ी चुनाती मिलती दीख रही है। हालांकि चुनावी दौर में रूठने और मनाने का दौर आमबात है लेकिन स्थिति गंभीर हो जाती है जब कोई अपना ही ताल ठोंककर सामने आ जाये।
यहां बता दें कि भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी में नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए तमाम लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया था। पार्टी ने एक प्रत्याशी को टिकट दिया तो बाकी आवेदकों को साधने की चुनौती सामने आ खड़ी हुई।
अपनों ने ठोंकी ताल
भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती टिकट के प्रबल दावेदार रहे सुनील गांधी महाराज हैं। जब टिकट नहीं मिला तो उन्होंने ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है उन्होंने निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन करा दिया है। उनका कहना है कि अन्तिम समय तक उनको टिकट का आश्वासन दिया गया परन्तु पार्टी ने उनका टिकट काट दिया जिससे उनके समर्थकों में रोष है। उनको समाज के प्रत्येक वर्ग का समर्थन प्राप्त है और जीत निश्चित है।
पार्टी प्रत्याशी को एक और चुनौती सूरजभान गुप्ता से मिल रही है। भाजपा ने टिकट नहीं किया तो उन्होंने शिवसेना के सिम्बल पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर डाला। नामांकन हो गया और वह मैदान में हैं। सूरजभान कहते हैं कि वैश्य समाज की अनदेखी की गई है, समाज मेरे साथ है मैं ही जीतूंगा।
कमोवेश यही हाल समाजवादी पार्टी का है। सपा नगर अध्यक्ष अफसर खां ने अपनी पार्टी के खिलाफ विगुल फूंक दिया है। उनका कहना है कि पार्टी ने ऐसे प्रत्याशी को टिकट दिया है जो सपा की नीति से कोई वास्ता नहीं है। इसके अलावा विकार अली गुडडू, शकील अंसारी ने भी सपा प्रत्याशी के ताल ठोंकी है।
इन्हीं दोनों पार्टियों की तरह बहुजन समाजपार्टी में भी कई जयचंद हैं। वे वर्तमान प्रत्याशी के खिलाफ अंदरखाने काट करने में सक्रिय हैं। ऐसे में यह चुनाव बेहद दिलचस्प होता जा रहा है।