शरद सक्सेना, आँवला (बरेली)। सपा-बसपा गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार घोषित होने के बाद अब कांग्रेस प्रत्याशी का ऐलान बाकी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रत्याशी तय हो चुका है, बस केवल घोषणा होना ही शेष है। सूत्र बताते हैं कि इस बार पार्टी किसी मुस्लिम प्रत्याशी को नहीं एक दिग्गज नेता को उतार रही है। इससे मुकाबला रोमांचक होने की उम्मीद की जा रही है।

बता दें कि सपा-बसपा गठबंधन ने आंवला लोकसभा सीट पर रुचिवीरा को प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद होली का उपहार देते हुए भाजपा ने वर्तमान सांसद धर्मेन्द्र कश्यप को ही उम्मीदवार बनाकर उनका टिकट कटने की चर्चा पर विराम लगा दिया।

इससे पूर्व आंवला में चाय की दुकानों और चौपालों के साथ ही सोशल मीडिया पर धर्मेन्द्र कश्यप का टिकट कटने की चर्चाएं आम थीं। सांसद को कई बार स्पष्टीकरण देना पड़ा कि ‘‘मेरा टिकट नहीं कट रहा है, ये विरोधियों की चाल है।’’

इस पर विराम लगा तो इन दिनों कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर कयास लगने तेज हो गये हैं। चर्चा थी कि इस बार आंवला लोकसभा सीट पर कांग्रेस एक बार फिर किसी मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है। ऐसे में यहां के समीकरणों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

इस सबसे इतर एक कद्दावर पूर्व सांसद की चुप्पी टूटने का सभी इंतजार कर रहे थे। भाजपा का टिकट घोषित होने के बाद क्षत्रिय मतदाताओं में विभिन्न प्रकार की चर्चाएं होने लगीं। शुक्रवार दोपहर बरेली में नेता जी के समर्थक उनके आवास पर इकटठा होने लगे। इन कार्यकर्ताओं को अपने नेता के अगले कदम व आदेश की प्रतीक्षा थी। दोपहर बाद स्थिति तब स्पष्ट हो गयी जब उनके आवास पर कांग्रेसी भी जुटने लगे।
असल में लम्बे समय से हाशिये पर खड़े नेताजी को एक बड़ी पार्टी की जरूरत थी और कांग्रेस को आंवला सीट पर एक ऐसे मजबूत उम्मीदवार की जो उसे मुख्य मुकाबले में ला सके।

कांग्रसी नेता जी के आवास पर पहुंचे, बात हुई तत्काल दिल्ली फोन किया गया। इसके बाद पश्चिमी उ0प्र0 के प्रभारी और एक अन्य बड़े कांग्रेसी नेता के आश्वासन के बाद ‘नेताजी’ दोपहर बाद दिल्ली रवाना हो गये। बरेली में भी एआईसीसी और पीसीसी सदस्यों ने भी इस क्षत्रिय दिग्गज के नाम की ओर इशारा करते हुए कहा इस बार प्रत्याशी जीतने वाला ही दिया जा रहा है। बताते हैं कि दातागंज के एक पूर्व विधायक और आंवला से जाकर दिल्ली रह रहे एक चार्टर्ड एकाउण्टेण्ट भी टिकट के दावेदारों में थे।

तय हो गया है कि कांग्रेस इस क्षेत्र से एक पूर्व सांसद व क्षत्रिय समाज में अपनी जबरदस्त पैठ रखने वाले नेता पर दावं लगाने जा रही है। एक दो दिन में इसकी औपचारिक घोषणा भी हो जाएगी। ऐसा हुआ तो जहां कांग्रेस को अपनी बंजर हुई जमीन में वोटों की फसल लहलहाती दिख रही है। वहीं हाशिये पर खड़े नेता जी को अपनी जड़ें फिर जमाने के लिए जमीन मिल जाएगी। कुल मिलाकर इस बार चुनाव और ज्यादा हाईप्रोफाइल और रोमांचक होता दीख रहा है।

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