आँवला (बरेली)। अगर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए काम नहीं किये होते हम भापजा प्रत्याशी को कतई वोट नहीं देते। गुरुवार को ‘बरेली लाइव’ ने आंवला लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की नब्ज टटोली तो यह निष्कर्ष कि स्थानीय प्रत्याशी और सांसद धर्मेन्द्र कश्यप को लेकर भाजपा के काडर वोटर्स में भारी असंतोष है। मतदाताओं ने साफ कहा कि वोट तो मोदी को दे रहे हैं, भाजपा सांसद को नहीं। चूंकि मोदी देश के लिए जरूरी हैं इसलिए सांसद और भाजपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र कश्यप हमारी मजबूरी हैं।
बता दें कि आजादी के बाद रामपुर क्षेत्र का हिस्सा रही आँवला लोकसभा सीट 1957 में परिसीमन के बाद स्वतंत्र अस्तित्व मेंं आयी। आंवला संसदीय सीट कभी कांग्रेस रही तो अब भाजपा का गढ़ मानी जाती है। यहां से प्रत्येक बड़ी पार्टी के प्रतिनिधि ने संसद में पहुंचकर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। कभी कांग्रेस, कभी भाजपा तो कभी सपा के प्रत्याशी भी इस सीट से दिल्ली पहुंचे हैं। यहां के वोटरों का मिजाज बदलता रहता है।
इस सीट पर मुद्दे कम जातिगत आंकडे अधिक महत्व रखते हैं। दो जिलों बरेली व बदायूं को जोड़कर बनी इस सीट में 5 विधानसभाएं आती हैं। बरेली की आँवला, बिथरी चैनपुर, फरीदपुर, तथा बदांयू की दातागंज व शेखूपुर विधानसभाएं इस लोकसभा क्षेत्र में शामिल हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 17 लाख 70 हजार 444 मतदाता हैं।
पाँचों विधानसभाओं में हैं भाजपा के विधायक
2017 के विधानसभा चुनावों में चली मोदी लहर में भाजपा ने इस लोकसभा की पांचो विधानसभाओं में अपना कब्जा जमा लिया। इस समय आंवला से सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह हैं, जोकि किसानों के बडे़ नेता हैं। बिथरी से हिन्दूवादी छवि के ब्राह्मण विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल तो फरीदपुर से दलित समुदाय से डॉ. श्यामबिहारी लाल हैं। वहीं बदांयू की दातागंज सीट से राजीव सिंह बब्बू भईया तथा शेखूपुर से मौर्य जाति के धमेन्द्र शाक्य विधायक हैं।
क्षेत्रीय सांसद से नाराज हैं लोग
वहीं क्षेत्रीय सांसद को लेकर लोगों में खासी नाराजगी है। सांसद इस बात को जानते हैं शायद इसीलिए वह इन क्षेत्रों में प्रचार के लिए स्वयं न जाकर अपनी परिजन को भेज रहे हैं। लोगों का कहना है कि सांसद जी पिछले चुनाव में वोट मांगने गांव में आए थे। इस बार वह नहीं उनकी बेटी कीर्ति कश्यप व पत्नी सरोज कश्यप क्षेत्र में सघन प्रचार कर रहीं है। ऐसे में लोग उनसे विभिन्न सवाल पूछते हैं तथा अपना गुस्सा जाहिर करते है।
सांसद-विधायक निधि से नहीं हुए गांवों मे काम
आंवला के ग्राम फतेहगंज, लोहरी, रघुवीरपुर, इस्माइलपुर, नगरिया सहिद दर्जनों गांवों के लोगों का कहना है कि हम इस बार देशहित में वोटिंग करेंगे। भले ही हमारे गांव में विकास नहीं हुआ है। क्षेत्रीय सांसद हमारे क्षेत्र में हमें देखने तक नहीं आये हैं। भले ही हमारे गांव में सांसद व विधायक निधि से एक भी कार्य अभी तक नहीं हुआ है, परन्तु हम इस बार राष्ट्रवाद पर वोटिंग करेंगे। हमें धमेन्द्र नहीं नरेन्द्र की आवश्यकता है। ऐसे में नरेन्द्र के लिए धमेन्द्र को वोट देना हमारी मजबूरी है।
रामलखन पाराशरी, छोटेलाल, नत्थू लाल, चन्दपाल, होरीलाल आदि का कहना है कि मोदी द्वारा चलाई गयी विभिन्न योजनाओं का लाभ गांव में थोड़ा ही सही, पर पहुंचा है। इस बार का चुनाव राष्ट्रवाद पर है। हम सभी इस बार स्थानीय प्रतिनिधि को नहीं बल्कि विश्व में भारत का नाम रोशन कराने वाले, देश की सीमाओं को सुरक्षित करने वाले कडे व कठोर निर्णय लेने वाले मजबूत प्रधानमंत्री के लिए वोट कर रहे है। जब देश सुरक्षित होगा तो हम भी सुरक्षित होगें।