ऑवला। विश्वकर्मा जंयती पर इफको के आंवला संयंत्र में वैदिक रीति से यज्ञ एवं पूजन का आयोजन किया गया। ईश्वर का आशीर्वाद लिया कि संयंत्र निर्विघ्न संचालित होता रहे। मुख्य यजमान रहे महाप्रबंधक (अनुरक्षण) आई.सी.झा।
इस अवसर पर महाप्रबंधक (अनुरक्षण) आई.सी. झा ने भगवान विश्वकर्मा की महत्ता पर विस्तार से चर्चा की। कहा कि निर्माण और सृजन के देवता है विश्वकर्मा। उन्होंने कहा कि ब्रह्मापुत्र विश्वकर्मा अद्वितीय शिल्पकार तो थे ही साथ ही उन्होंने कई पुराणों की रचना की थी। देव शिल्पी विश्वकर्मा ने लंका, हिस्तनगर, वृन्दावन और द्वारिका नगर की रचना की थी।
बताया कि सम्पूर्ण भारत में देवशिल्पी विश्वकर्मा की जयंती प्रत्येक कारखाने, इंजीनियरिंग वर्कशॉप्स व मिस्त्रियों, वर्कशॉप सहित लौह कार्य से जुडे लोग बड़ी ही आस्था से मनाते हैं। पूजा सम्पन्न होने के बाद लोगों ने बड़ी संख्या में प्रसाद ग्रहण किया।
तोरणद्वार और झांकियां रहीं मुख्य आकर्षण
केन्द्रीय कार्यशाला पर पुष्प और रोशनी से सजाये गये सुन्दर तोरण द्वार और भगवान गणेश, कामधेनु गाय के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान शिव पार्वती और, भगवान राम और भगवान विश्वकर्मा जी की प्रतिमा के समीप अर्जुन को उपदेश देते कृष्ण की मनमोहक झाकियां लोगों के आकर्षण का केन्द्र रही।
सुन्दर झांकी के लिए विश्वकर्मा पूजा समिति के मुख्य संयोजक और उनकी टीम को महाप्रबंधक (अनुरक्षण) श्री आईसी, झा ने बधाई दी। इस मौके पर संयुक्त महाप्रबंधक अतुल गर्ग ,एस सी गुप्ता ,के के सिंह, , ए.के. शुक्ला, सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और बडी तादात में इफको कर्मी उपस्थित हुए ।
केन्द्रीय कार्यशाला पर आयोजित विश्वकर्मा पूजा में आंवला इम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष सर्वेश यादव, महामंत्री जीत सिंह बजेठा और ऑफीसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश रावत व महामंत्री राम सिंह भी उपस्थित हुए।