#प्रयागराज, #महाकुंभ2025, मौनी अमावस्या, स्नान, अमृत स्नान,

लखनऊ। प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार की भोर मौनी अमावस्या के स्नान के लिए उमड़ी भीड़ में मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत की घटना की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग ने बृहस्पतिवार को अपना काम शुरू कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि महाकुंभ हादसे की जांच के लिए गठित तीन सदस्य न्यायिक आयोग ने अपने गठन की अगले ही दिन काम शुरू कर दिया है। आयोग के तीनों सदस्य आज लखनऊ के जनपथ स्थित अपने कार्यालय पहुंचे। 

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हर्ष कुमार ने बताया, “क्योंकि जांच को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना है इसलिए हमने घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर कार्यभार संभाल लिया है।” उन्होंने कहा, “हमारे पास एक महीने का समय है, लेकिन फिर भी हम जांच को तेजी से पूरा करने की कोशिश करेंगे।”

आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि वह जल्द ही प्रयागराज का दौरा करेंगे, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि आयोग के सदस्य कब वहां जाएंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या आयोग के सभी तीन सदस्य घटना के अलग-अलग पहलुओं की जांच करेंगे या उनका समन्वय होगा, न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, “हम इन पर आपस में चर्चा करेंगे। अभी विस्तार से नहीं बता सकते।” 

सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार प्रयागराज पहुंच चुके हैं। प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार की भोर मौनी अमावस्या के स्नान के लिए उमड़ी भीड़ में मची भगदड़ की घटना में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 अन्य जख्मी हो गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता वाले इस आयोग में सेवानिवृत्त आईएएस अफसर डी. के. सिंह और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वी. के. गुप्ता भी शामिल हैं। आयोग को अपने गठन के एक महीने के अंदर मामले की जांच रिपोर्ट देनी होगी। इस सिलसिले में जारी अधिसूचना के मुताबिक आयोग भगदड़ के कारणों और परिस्थितियों की जांच करेगा। साथ ही भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के सिलसिले में सुझाव भी देगा। 

error: Content is protected !!