BareillyLive : मानव सेवा क्लब के तत्वावधान में शनिवार को वन महोत्सव का आयोजन डॉ. सुशीला गिरीश बालिका इंटर कालेज के प्रांगण में पौधारोपण करके हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ पूर्व प्रधानमंत्री आदर्श पुरूष लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ। छात्राओं को क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने गुलाब, बेला और आंवला के पौधे बांटे। विद्यालय की छात्राओं और क्लब के सदस्यों ने 20 पौधे विद्यालय प्रांगण में रोपे जिसमें बेल, अशोक, आम, जामुन के पौधे रोपे गए। सभी बच्चों को और सदस्यों को पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प भी क्लब के अध्यक्ष ने दिलाया। उन्होंने कहा कि पौधे ईश्वर का रूप हैं इनकी रक्षा, सुरक्षा और इनकी पूजा करें यह हमें जीवित रखे हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिये विद्यालय की प्रधानाचार्या प्रीति सक्सेना को पर्यावरण मित्र के सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रकाश चंद्र सक्सेना, अरुणा सिन्हा, राजीव कांत अस्थाना, सुनील कुमार शर्मा, राहुल शर्मा, इं. ए. एल.गुप्ता, निर्भय सक्सेना, प्रीति सक्सेना, सुधीर मोहन उपस्थित रहे। सभी का आभार क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने व्यक्त किया।

मोमबत्ती प्रज्ज्वलित कर दी चन्द्रशेखर आजाद और लोकमान्य तिलक को श्रद्धांजलि

मानव सेवा क्लब के तत्वावधान में रविवार को डी. डी. पुरम शहीद स्मारक पर स्वतंत्रता आंदोलन के महान क्रांतिकारी चन्द्र शेखर आजाद और लोकमान्य तिलक की जयंती पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने युवाओं का आह्वान किया कि वह चन्द्र शेखर आजाद और लोकमान्य तिलक जैसे देशभक्त और शूरवीर योद्धा बनें। सभा की अध्यक्षता करते हुए सहित्य भूषण सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि चन्द्र शेखर आजाद प्रखर क्रांतिकारी एवं भारत माता के सच्चे सपूत थे। उन्होने पूरे देश के क्रान्तिकारियों को देश की आजादी के लिए एकता के सूत्र में पिरोया। उनके द्वारा गठित क्रांतिदल के तार पूरे देश मे फैले हुए थे वे क्रांतिदल के सेनापति थे और हर क्रांतिकारी अभियान मे सबसे आगे रहते थे। अखिलेश कुमार ने कहा स्वतंत्रता के इतिहास मे बहुचर्चित काकोरी ट्रेन डकैती काण्ड, सांडर्स बध तथा असेंबली बमकान्ड के सूत्रधार चन्द्र शेखर आजाद ही थे। देश से अंग्रेजों की दासता को उखाड फेंकने मे बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे स्वतंत्रता समर के अपराजेय पुरोधा थे। तमाम कोशिशों के बाबजूद अंग्रेज पुलिस उन्हे कभी गिरफ्तार नही कर सकी। उनका कहना था -“आजाद हूं आजाद ही रहूंगा। मरते दम तक उन्होने अपना बचन निभाया। आज वे हमारे मध्य नहीं हैं, उनका अमिट बलिदान हम सबको सदैव प्रेरणा देता रहेगा। मोमबत्ती प्रज्ज्वलित कर दोनोँ योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी गयी। संचालन सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने किया। कार्यक्रम में अखिलेश कुमार, निर्भय सक्सेना, प्रकाश चंद्र, अरुणा सिन्हा, मीरा मोहन, अनिल सक्सेना, राजेश सक्सेना, प्रो .राजकुमार, सुधीर मोहन, चित्रा जौहरी, इं. ए. एल.गुप्ता, डा. रीति खरे, डॉ. सुरेश रस्तोगी, कुसुम लता सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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