BareillyLive : अखिल भारतीय साहित्यकार संघ के बैनर तले बरेली के आई एम ए भवन में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती के उपलक्ष्य में साहित्यकार सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम से पूर्व बरेली के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश जौहरी के निधन पर 2 मिनट का मन रखकर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कवि सम्मेलन के आयोजक वरिष्ठ नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुलदीप गंगवार और बिथरी विधानसभा विधायक डॉ राघवेंद्र शर्मा ने 108 साहित्यकार और कलमकारों को सम्मानित किया।

इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में देश के सुदूर क्षेत्र से पधारे ख्यातिलब्ध कवियों ने अपनी रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

पुवाया से पधारे कवि रामबाबू शुक्ला ने पढ़ा, “देख अन्याय चुप रहना, मेरी आदत नहीं है। मौत के भय से घबराना, मेरी आदत नहीं है।। लेखनी झुक नहीं सकती, भले ही हाथ कट जाएं, झूठ को सत्य लिख पाना मेरी आदत नहीं है।

बहराइच से पधारे कवि देशराज सिंह मधुसूदन ने अपनी कविता कुछ यूं कही, “निवेदन है पड़ोसी से, जरा एहसान जाग जाए। हृदय में राष्ट्रभक्ति का तनिक तूफान जाग जाए, तिरंगे की तरफ नजरें उठे तो नोच लो उनको, महाभारत के अर्जुन सा जो हिन्दुस्तान जाग जाए।”

शाहजहांपुर के ओजस्वी कवि उर्मिलेश सौमित्र ने राष्ट्र चेतना की कविता पढ़ते हुए कहा, “जब लिखने की बारी आई तो, पहले बलिदान लिखा। जिंदाबाद जवानी लिख दी, जिंदा हिंदुस्तान लिखा।

श्रृंगार के सशक्त हस्ताक्षर मुकेश कमल ने अपने गीतों से समां बांधते हुए कहा, “तू हथेली की भाग्य रेखा है। कितना अनमोल अपना लेखा है। जब से देखा है तुमको सनम, कुछ नहीं और हमने देखा है।

कार्यक्रम का सफल संचालन ओजकवि उर्मिलेश सौमित्र ने किया। कार्यक्रम के अंत में आभार आयोजक डॉ कुलदीप गंगवार ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में कवि कुमार रजनीश, रामू सिंह, डॉ चैतन्य चेतन, कवि यमदूत, डॉ महेश मधुकर, राम प्रकाश पांडे, रणधीर प्रसाद गौड़, हास्य कवि आनंद गौतम, डॉ सुरेश बाबू मिश्रा, कमल सक्सेना, राजेश गौड़, उपेंद्र सक्सेना एडवोकेट, रोहित राकेश, डॉ पीके दीवाना, मनोज दीक्षित टिंकू, उमेश शाक्य, वैभव अवस्थी, कुलदीप शुक्ला, डॉ प्रदीप वैरागी सहित तमाम चिकित्सक, समाजसेवी और सुधी श्रोता उपस्थित रहे।

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