बरेली। डीजे, ढोल-बाजा और आतिशबाजी वाली शादियों के बहिष्कार की अपील को मुस्लिम धर्मगुरुओं का व्यापक समर्थन मिला है। गौरतलब है कि दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) ने शादी-विवाह में दिखावा और फिजूलखर्ची रोकने के लिए कुछ दिन पहले इस तरह की अपील की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि जहां भी डीजे, ढोल-बाजा और आतिशबाजी व अन्य किसी तरह की फिजूलखर्ची और दिखावा हो रहा हो, काजी वहां निकाह न पढ़ाएं।

दरगाह आला हजरत पर गुरुवार को हुई उलेमा और मौलानाओं की बैठक में मुफ्ती सलीम नूरी, मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी, शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम, कारी अब्दुर्रहमान क़ादरी, काज़ी शहीद आलम, मुफ्ती आकिल रज़वी आदि ने मुस्लिमों से ऐसी शादियों का बहिष्कार करने की आपील की जिनमें दिखावा और फिजूलखर्ची होती है।

बैठक में मौजूद लोगों ने कहा कि खड़े होकर खाना और शादियों में बेपर्दगी के साथ ही शराब और नशे के खिलाफ भी अभियान छेड़ा जाएगा। इस सामाजिक बुराई के विरोध में देश की सभी खानकाहों को आगे आना चाहिए। मुफ्ती कफील हाशमी ने कहा कि हर मोहल्ले में 10-10 लोगो की टीम तैयार कराई जाए और लोग इस सामाजिक बुराई को रोकने के लिए आगे आएं। कारी अब्दुर्रहमान क़ादरी ने कहा कि देशभर की खानकाहों और दरगाहों के सज्जादागान आपसी इख़्तिलाफ़ छोड़कर औरइत्तेहाद पर ज़ोर देकर इस मसले पर आगे आएं।

error: Content is protected !!