बरेली। छात्र-छात्राओं में बेहद तेजी से बढ़ रही सेल्फी के प्रति दीवानगी को अब नियंत्रित करने की आवश्यकता महसूस होने लगी है। सेल्फी का शौक धीरे-धीरे एक गंभीर रोग बनता जा रहा है, जिसे लोग सेल्फीमेनिया नाम दे रहे हैं। गौरतलब है कि खतरनाक स्टण्ट करते हुए सेल्फी लेने के चक्कर में तमाम युवकों की जान तक जा चुकी है। अपर पुलिस महानिदेशक ट्रैफिक ने इस संबंध में सभी जिलों में पत्र जारी किया है।
पत्र में स्कूल-कॉलेजों में सेल्फीमेनिया को रोकने के लिए अभियान चलाने की बात कही गई है। डीआईओएस डॉ अचल कुमार मिश्रा के अनुसार सभी स्कूलों में यह अभियान चलाया जाएगा। छात्रों को सड़क, नदी, रेलवे ट्रैक, पुल आदि खतरनाक जगहों पर सेल्फी के खतरे बताये जाएंगे। सभी स्कूलों में छात्रों का एक ग्रुप बनाया जाएगा। यह ग्रुप सेल्फी के दौरान हुई घटनाओं की न्यूज क्लिप तैयार करेगा। यह न्यूज क्लिप समय-समय पर स्कूल के सभी छात्रों को दिखाई जाएगी।