BareillyLive. हज़रत इमाम हुसैन के भाई हज़रत अब्बास की शहादत पर बरेली में इमामबाड़ा फतेह अली शाह काला इमामबाड़ा से एक जुलूस निकाला गया। जुलूस को मौलाना कौसर मुशतबा अमरोही ने सम्बोधित किया। अली आलीम ज़ैदी और नसीम हसन ने मरसिया ख्वानी की।
आल इंडिया गुल्दस्ता-ए हैदरी के मीडिया प्रभारी शानू काज़मी के अनुसार ये जुलूस अपने क़दीमी रास्ते क़िला चौकी, दूल्हा मियां मज़ार रोड, संदल खाँ बज़िरया, इंन्गलिश गंज होता हुआ जामा मस्जिद पहुंचा। वहां निजावत अदीब ने तकरीर की। इसके बाद जुलूस ज़खीरा, जसोली, मलुकपूर, फतेह निशान बिहारीपुर होता हुआ कूमार टॉकीज़ के पीछे पहुंचा। वहां अन्जुमनों ने नौहाख्वानी की।
कुमार तौकीज़ से अन्जुमन शमशीर ए हैदरी, अन्जुमन आल इंडिया गुल्दस्ता-ए हैदरी ने जंजीर वा क़मा से खुद का लहूलुहान कर मताम किया। इन्होंने कर्बला के बहत्तर शहीद ए शौहदा का पुर्सा दिया। इसके बाद ये जुलूस क़ुतुबखाना होता हुआ मनिहार गली, नन्हे रिज़वी के इमामबाड़े, गंन्दे नाले, नीम की चढ़ाई, क़िला सब्ज़ी मंडी होता हुआ देर रात काला इमामबाड़ा पर समाप्त हुआ।
मौलाना समर हैदर ने बताया कि ज़रीजां का जुलूस़ सैकड़ां वर्ष पुराना है। जुलूस की आगे शानू काज़मी हाथ में तिरंगा लेकर चल रहे थे। जुलूस में सिराज ज़ैदी, अली हाशिम ज़ैदी गुलरेज़ तुराबी, असद जैदी, ज़हीर अब्बास, हसन ज़ैदी आदि मौजूद रहे।