बदायूं/वजीरगंज : वजीरगंज थाना क्षेत्र के गांव पेंपल में सुखवीर (20) की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। तेरह दिन बाद उसका क्षत-विक्षत शव गांव के नजदीक पड़ा मिला। पुलिस की लापरवाही पर गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस हमले में एसओ प्रकाश सिंह और सिपाही पुष्पेंद्र समेत चार लोग घायल हो गए। मामले की जानकारी मिलने पर पहुंचे प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने बमुश्किल उन्हें समझाकर शांत किया और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
सुखवीर पुत्र जयपाल 24 जुलाई को खेत पर जाने की बात कहकर घर से निकला था। उस दिन रात तक वह घर वापस नहीं आया तो परिवार वालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। दूसरे दिन परिवार वाले थाने गए लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज नहीं की। तीसरे दिन गुमशुदगी दर्ज कर खानापूर्ति की गई। परिवार वालों के कहने पर पुलिस ने 28 जुलाई को पड़ोसी गांव बरखेड़ा निवासी कोमिल, रामपाल पुत्रगण लटूरी, कल्लू उर्फ कल्यान पुत्र दोदराम और उसकी पत्नी सुखदेई उर्फ सुधा के खिलाफ अपहरण के आरोप में मामला तरमीम कर लिया था लेकिन सुखवीर को तलाश करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। परिवार वाले सिर्फ थाने के चक्कर लगाते रहे।
शनिवार सुबह आंवला रोड किनारे सुखवीर का शव क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला। परिवार वालों ने कपड़े, मोबाइल फोन और अन्य सामान के आधार पर सुखवीर के रूप में शव की पहचान की। शव देख लोगों के सबॅ का बांध टूट गया। पुलिस की लापरवाही से गुस्साए लोगों ने वजीरगंज-आंवला रोड पर जाम लगा दिया। जैसे ही सूचना पर थाना पुलिस पहुंची ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया और पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसमें एसओ प्रकाश सिंह और सिपाही पुष्पेंद्र घायल हो गए। सूचना पर कई थानों की पुलिस एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा, एसडीएम बिसौली ज्योति शर्मा मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बमुश्किल ग्रामीणों को शांत किया। उन्हें उचित कार्रवाई और जांच का आश्वासन दिया, तब कहीं अपराह्न साढ़े तीन बजे जाम खोला गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। परिवार वालों ने पुलिस की लापरवाही बताते हुए तहरीर दी है।
एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा ने कहा कि सुखवीर 24 जुलाई से लापता था। शनिवार सुबह उसका क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला। परिवार वालों ने कपड़े, मोबाइल आदि से उसकी पहचान की। परिवार वाले पुलिस से गुस्सा थे और उन पर पथराव किया। इसमें एसओ और सिपाहियों को चोटें आई हैं। मामले की गंभीरता से जांच कराई जा रही है,। उचित कार्रवाई कराई जाएगी।
पुलिस दिल्ली में बताती रही लोकेशन, यहां युवक की हत्या कर फेंक दिया शव
सुखवीर के परिवार वाले 25 जुलाई से ही थाने के चक्कर काट रहे थे। बमुश्किल पुलिस ने उसकी गुमशुदगी दर्ज की। जब अपहरण के आरोप में मामला तरमीम किया गया तो भी एसओ और चौकी इंचार्ज राजदीप उन्हें टहलाते रहे। हैरानी की बात यह है कि एसओ और चौकी इंचार्ज ने केवल परिवार वालों को ही नहीं अधिकारियों को भी गुमराह किया और युवक की लोकेशन दिल्ली में बताई गई।
ग्राम पेंपल निवासी सुखवीर पुत्र जयपाल तीन भाइयों में सबसे छोटा था। उसकी शादी नहीं हुई थी। वह खेतीबाड़ी करता था। परिवार वालों के मुताबिक सुखवीर 24 जुलाई को गांव के अखिलेश के साथ खेत पर गया था। आरोप है कि नामजद आरोपी कोमिल, रामपाल, कल्लू उर्फ कल्यान उस बाग में पहले से मौजूद थे। उनके पास धारदार औजार थे। कोमिल पर तमंचा था। उन्होंने सुखवीर को पकड़ लिया था जबकि अखिलेश वहां से भाग आया था। सुखवीर के बड़े भाई सुनील ने बताया कि उन्होंने अखिलेश से भी अपने भाई के बारे में पूछा था लेकिन उसने डर की वजह से कुछ नहीं बताया। रात साढ़े नौ बजे जब उसका मझला भाई रजनीश बाग में पहुंचा, तो भी आरोपी वहां थे लेकिन सुखवीर नहीं था। उसकी आरोपियों से कहासुनी भी हुई थी।
दूसरे दिन कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई कि सुखवीर एक नामजद आरोपी की पत्नी को लेकर दिल्ली भाग गया है। फिर यह बताया कि उसकी पत्नी आ गई है, उन्होंने इस संबंध में थाना पुलिस से कार्रवाई की मांग की। एसओ प्रकाश सिंह और चौकी इंचार्ज राजदीप उन्हें टहलाते रहे। उन्हें बताया कि सुखवीर जीवित है और दिल्ली में है। उसे लाने के लिए जल्द ही टीम भेजी जाएगी।
28 जुलाई को पुलिस ने बमुश्किल आरोपियों के खिलाफ अपहरण के आरोप में मामला तरमीम किया। परिवार वालों का आरोप है कि उन्होंने कई चक्कर लगाए तो आरोपी पकड़कर थाने लाए गए। उन्हें एक रात थाने में रखा। उन्हें खाना खिलाया, चाय नाश्ता कराया। दूसरे दिन एक नेता के कहने पर उन्हें छोड़ दिया गया। अगर पुलिस मामले को गंभीरता से लेती तो शायद सुखवीर जीवित होता।
सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में एसएसपी ने भी जानकारी ली थी। उन्हें बताया गया कि युवक की लोकेशन दिल्ली में मिली है। एसओ ने पूर्व में यह बयान भी दिया था। शनिवार को पुलिस की इसी लापरवाही से ग्रामीण आक्रोशित हो गए और एसओ को देखकर भड़क गए।
एक दिन पहले बाग में डाला गया शत-विक्षत शव : परिवार
युवक के परिवार वालों का कहना है कि शनिवार को जिस बाग में सुखवीर का शत-विक्षत शव पड़ा मिला, वह एक दिन पहले ही शुक्रवार को डाला गया। उसकी हत्या कर दी गई थी, फिर शव को गड्ढे में दबा दिया गया। अगर शव बाग में पड़ा होता तो लोगों को पता चल गया होता। हर समय लोग बाग में आते-जाते रहते हैं।
तीन दिन में कराएंगे कार्रवाई : एसडीएम
एसडीएम ज्योति शर्मा शनिवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने परिवार वालों को आश्वासन दिया कि उन्हें तीन दिन का समय दिया जाए। तीन दिन में वह घटना की तह तक जाने की कोशिश करेंगी। इसकी गंभीरता से जांच कराएंगे। अगर परिवार वाले संतुष्ट नहीं होते हैं तो किसी एजेंसी से जांच कराएंगे।
सुखबीर के परिवार वालों को देखकर भड़क जाते थे एसओ
परिवार वालों ने बताया कि एसओ इस घटना को गंभीरता से लेते तो शायद सुखवीर की हत्या नहीं होती। एसओ उन्हें थाने में देखकर भड़क जाते थे। उनकी कॉल नहीं उठाते थे। उनसे एक ही बात कहते थे कि वह दिल्ली भाग गया है। शुक्रवार को भी युवक के भाई ने एसओ को कॉल की थी। तीन बार घंटी गई लेकिन कॉल नहीं उठी। चौकी इंचार्ज राजदीप भी ऐसा कर रहे थे। शनिवार को शव मिलने के बाद पुलिस को खूब खरीखोटी सुनाई गई।