Lifestyle Desk. नाग पंचमी का त्यौहार सावन माह के दौरान शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाया जाता है। आमतौर पर नाग पंचमी का दिन हरियाली तीज के दो दिन बाद पड़ता है। इस बार 25 जुलाई को मनाया जा रहा हैं। मान्यता है कि इस दिन सर्पों को दूध से स्नान और पूजन कर दूध से पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है।
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त : 25 जुलाई को सुबह 5 बजकर 38 मिनट से 8 बजकर 22 मिनट तक
अवधि: 2 घंटे 43 मिनट
प्राचीन समय से ही नागों को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है। इसलिए सावन माह के दौरान शुक्ल पक्ष पंचमी (नाग पंचमी) के दिन नाग पूजन का बहुत महत्व है। इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परम्परा हैं। महिलाएं नाग देवता की पूजा करती हैं और इस दिन सांपों को दूध चढ़ाती हैं। महिलाएं अपने परिवार की सलामती की प्रार्थना भी करती हैं। माना जाता है कि इससे नागदेव की कृपा बनी रहती हैं और घर सुरक्षित रहता है।
पूजा करने के लिए नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति बनाकर इसे लकड़ी की चौकी के ऊपर स्थापित करें और चतुर्थी के दिन एक बार भोजन कर पंचमी के दिन उपवास करके शाम को भोजन करना चाहिए. हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़कर नाग देवता की पूजा करें। कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर सर्प देवता को अर्पित करें। पूजन करने के बाद सर्प देवता की आरती उतारी जाती है।विशेष मंत्र के साथ नाग पंचमी की कथा अवश्य सुनें।
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥
मंत्र अनुवाद – इस पृथ्वी पर रहने वाले सांप, आकाश, स्वर्ग, सूर्य-किरणें, झीलें, कुएं, तालाब आदि हमें आशीर्वाद दे और हम सभी को प्रणाम करते हैं।
नाग पंचमी के दिन अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक अष्टनागों की पूजा की जाती है। सुबह शाम इस मन्त्र के साथ पूजा करने से मानव को सर्वत्र विजय प्राप्त होती हैं।
इस दिन नागों का दर्शन बेहद शुभ माना जाता हैं।ऐसा माना जाता है कि सांपों को चढ़ाया जाने वाला कोई भी पूजन नाग देवता तक पहुंचता है। इसलिए लोग उस दिन जीवित सांपों की पूजा करते हैं जो हिंदू धर्म में पूजनीय और पूज्य नाग देवता के प्रतिनिधि के रूप में हैं।ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी की पूजा को करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती हैं और सर्पदंश का डर भी दूर होता है।
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