Bareillylive : श्री बाँके बिहारी मंदिर में जन्मअष्टमी के वार्षिक उत्सव में यज्ञ रूपी श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस के आयोजन में कथा वाचक परम पूज्य धनंजय दास महाराज मालूक़ पीठ श्री वृंदावन धाम के मुखारबिंद से भक्तों ने अध्यात्म कथा का माहात्म्य बहुत गहराई से समझा व आध्यात्मिक भक्ति का वर्णन किया गया। इसके पश्चात महाराज जी ने बताया गया कि जो मानव शिवजी की तन मन धन से सच्ची भक्ति करता है उसे भगवान शिव उसके इष्ट के पास स्थान दिलाते है इसके पश्चात भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश के जन्म का विस्तार से वर्णन किया। अंत में महाराज जी द्वारा गाये गये भजनों पर महिलायें व भक्तजन भाव विभोर होकर नृत्य करते हुए झूमने लगे।

श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर कथा व्यास श्री धनञ्जय दास जी महाराज ने कहा जब जब धर्म पर विपदा आती है तो उस विपदा को दूर करने के लिए तब तब भगवान का अवतार होता है। भगवान की वस्तुओं को भगवान को समर्पित कर ने से ही जीवन मुक्ति को प्राप्त होता हैl कथा व्यास ने कहा कि भगवान युगों-युगों से भक्तों के साथ अपने स्नेह को निभाने के लिए अवतार लेते आये हैं। पुराणों के अनुसार, भगवान विष्णु के दो भक्त जय और विजय शापित होकर हाथी व मगरमच्छ के रूप में धरती पर उत्पन्न हुए थे। जिनके संदर्भ मे ही मगर -गज की कथा कही जाती है।

श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। कथा व्यास जी के द्वारा नंद बाबा के घर पर उत्सव के माहौल का सुंदर वर्णन करने के साथ आयोजन *स्थल श्री बाके बिहारी मंदिर* का पूरा माहौल भी नंदोत्सव के रंग में पूरी तरह से रंग दिया गया। जिसमें नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल और हाथी घोडा पालकी जय कन्हैयालाल के उद्घोष के साथ समूचा आयोजन परिसर गूंज उठा भक्तों ने भजनों की धुनों पर मगन होकर थिरकते हुए श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद लिया। श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव का आनंद मनाते हुए भक्तों के बीच खूब मिठाई, टॉफीयां और एक दुसरे को बधाई दी। कथा में मुख्य सहयोग विनोद ग्रोवर, दिनेश तनेज़ा, नितिन भाटिया, राजीव भसीन, होशियार सिंह, जेपी भाटिया, रमेश खनिजो, अश्वनी अरोड़ा, विजय बंसल, विजय गुप्ता एवं महिला मंडल के चंद्रा तनेज़ा, कांता अरोड़ा, कमल भाटिया, सीमा गुलाटी आदि का रहा।

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