बरेली, 22 जनवरी। हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में गणित का बहुत महत्व है। भारत में 3000 वर्ष पहले भी वेदो में गणित का व्याख्यान किया गया है। गणित हमारी जन्मकुण्डली से लेकर कर्मकुण्डली तक प्रभाव डालती है। भारत प्राचीन काल से ही गणित में अग्रणी रहा है। शून्य का अविष्कार भी भारत ने ही किया है। भारतीय हमेशा से ही मैथमैटिक्स के क्षेत्र में अव्वल रहे है।
यह बात यहां कुमायूँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एच0एस0 धामी ने एसआरएमएस कालेज आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी में शुक्रवार को गणित पर दो दिवसीय नेशनल कान्फ्रेन्स में कही। यह कान्फ्रेन्स कालेज के डिपार्टमेन्ट आॅफ मैथमैटिक्स द्वारा ‘‘ऐपलिकेशन आॅफ मैथमेटिक्स इन साइंस, टेक्नोलाॅजी एण्ड मैनेजमेंट’’ विषय पर आयोजित की गयी है। प्रो. धामी कान्फ्रेन्स को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मैथमैटिक्स ना केवल इंजीनियरिंग अपितु उन सभी क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है जहाँ भविष्य में प्रगति की सम्भवनाएं हैं। गणित एक ऐसी विद्या है जो अदृष्य वस्तुओं का वास्तविकता से परिचय कराती है। उन्होने मैथमैटिक्स को हर क्षेत्र में बढ़ावा देने की वकालत की।
इससे पूर्व उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कान्फ्रेन्स का शुभारम्भ किया। फिर सरस्वती वंदना की गयी। स्वागत भाषण दिया महाविद्यालय के डीन डा0 प्रभाकर गुप्ता ने। उन्होंने कान्फ्रेन्स के उद्देश्य एवं सार पर प्रकाश डाला। इसके बाद काॅलेज के चेयरमैन देव मूर्ति ने कहा कि मैथमैटिक्स की आवश्यकता केवल इंजीनियरिगं को ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र के व्यक्ति को पड़ती है।
कान्फ्रेन्स में आज के मुख्य वक्ता आगरा विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर साइंस विभाग के डा0 मनुप्रताप सिंह, ने कहा कि ‘‘मैथमैटिक्स इज फादर आॅफ आल साइंसिज’’। उन्होंने साफ्ट कम्प्यूटिंग तथा हार्ड कम्प्यूटिंग पर गणित के प्रयोग पर प्रकाश डाला। 3000 वर्ष पहले कहा गया कि जिस तरह मयूर के सिर पर उसकी शिखा है उसी तरह नगों में मणि की तरह गणित है। 1000 वर्ष पहले तक भारत ने विष्व को दिशा दी। वह वक्त यूरोप का अंधकार युग था जब रामानुजम को विश्व का प्रसिद्ध गणितज्ञ बताया गया। उन्होंने बताया कि छात्रों को सरकारी नीतियों की वजह से उच्च शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है इसका कारण है कि उच्च शिक्षा में योग्य अध्यापको की कमी है।
इस अवसर पर श्री राममूर्ति स्मारक ट्रस्ट के सिक्रेटरी आदित्य मूर्ति, कान्फ्रेन्स संयोजक डा0 अंजु खण्डेलवाल, डा0 कमलेन्द्र कुमार आदि समेत कालेज के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे। संचालन अमर प्रताप सिंह ने किया। विशेष सहयोग एम0टेक0 और एम0फार्मा के विद्यार्थियों का रहा।