आँवला। रामनगर ब्लाक के बाद अब भाजपाईयों ने मझगवां पर भी विजयश्री हासिल कर ली। तहसील क्षेत्र के ब्लाक मझगवां में ब्लाक प्रमुख ममता देवी के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव में सुबह से ही भारी भरकम सुरक्षा इंतजामों के बीच बीडीसी सदस्यों ने मतदान किया। मतदान प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद, भाजपा के दावों के मुताबिक ही परिणाम आया।

कुल पड़े 95 – 84 वोट पक्ष, 8 विपक्ष में 

पुलिस पीएसी की भारी पुलिस सुरक्षा के बीच अविश्वास प्रस्ताव पर हुए मतदान में कुल 95 वोट पडे़। इनमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 84 व विपक्ष में मात्र 8 वोटे ही पडे, 3 वोट कैंसिल हो गये। एसडीएम द्वारा परिणाम की घोषणा के बाद भाजईयों में खुशी की लहर दौड गयी। अब मझगवां पर भाजपा की बबिता रानी का ब्लाक प्रमुख बनना तय माना जा रहा है।

खास बात यह रही कि युवा भाजपा नेता यशवंत सिंह ने पूरी फिल्डिंग पहले से ही विछा रखी थी। उनके सम्पर्क में 80 बीडीसी सदस्य थे तथा वह जीत का दावा कर रहे थे। बता दें कि सपा सरकार में मझगवां ब्लाक पर ग्राम गुलड़िया की ममता देवी पत्नी इन्द्रपाल निर्विरोध रूप से ब्लाक प्रमुख बनी थीं। एक साल पूर्व सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा ने सपा के मजबूत किले रामनगर, मझगवां व आलमपुर जाफरबाद की प्रमुखी पर अपनी नजरे गड़ा दी थी।

सबसे पहले सपा की रामनगर ब्लाक प्रमुख अनुराधा यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। वहां भाजपा के श्रीपाल लोधी निर्विरोध रूप से ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर बैठ गये। इससे गदगद भाजपाईयों ने अगला निशाना मझगवां को बनाया। यहां बबिता रानी द्वारा ममता के खिलाफ बीडीसी सदस्यों को लामंबंद करते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।

अगला निशाना आलमपुर जाफराबाद

अब ंभाजपाईयों का अगला निशाना आलमपुर जाफराबाद है, जहां अविश्वास प्रस्ताव की आगामी 6 जनवरी है। इस दौरान भाजपा के डा. मानसिंह, सिंचाईमंत्री पीआरओ ईश्वरी प्रसाद वर्मा, वीर िंसह पाल, रामनिवास मौर्य, आंवला पालिका चेयरमैन संजीव सक्सेना, नरेन्द्र सिंह, सुरेश बाबू पाण्डेय, केपी सिंह, नत्थू सिंह लोधी, दीपक भारद्वाज सहित दर्जनो भाजपाई सुबह से डेरा जमाये हुए थे। वहीं समाजवादी पार्टी ने भी भाजपा को वाकओवर दे दिया।

सपा के निर्वतमान जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव का कहना है कि इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है। सत्ता के मद में चूर भाजपा लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही है। शासन-प्रशासन द्वारा बीडीसी सदस्यों पर दबाव बनाकर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराया गया है। आगामी 2019 के चुनावों में जनता इसका भरपूर जबाब देगी।

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