BareillyLive.आंवला। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आंवला पर न तो मास्क है और न ही सैनेटाजर लेकिन कोरोना से लड़ने को तैयार है आंवला का यह अस्पताल। यहां ओपीडी में मरीज तो आ रहे हैं लेकिन अपनी नाक व मुंह पर हाथ रखकर स्वयं को संक्रमण से बचाने का प्रयास करते हुए उपचार के लिए लाइन में खड़े रहते हैं।
बता दें कि टीवी, अखबार और सोशल मीडिया पर कोरोना से लड़ने के लिए लोगां को मास्क लगाने व सैनेटाइजर का प्रयोग करने का की हिदायत दी जा रही है। इसके बावजूद आंवला के सरकारी अस्पताल में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। अलबत्ता डॉक्टर्स ने जरूर मास्क पहन रखा है।
मरीजों ने बताया कि 24 घंटे में एक बार ही फिनाइल से पोछा लगता है। यहां व्याप्त अनियमितताओं की शिकायत निरन्तर मिलने पर आंवला विधायक धर्मपाल सिंह के पुत्र यशवन्त सिंह अपनी टीम के साथ अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि चिकित्साधीक्षक मीटिंग में गये हैं।
उनकी अनुपस्थिति में मात्र एक डाक्टर ही ओपीडी में मरीजों की जांच करते मिले। लेबोरेटरी का हाल भी कुछ ठीक नहीं था।यशवंत िंसंह ने चिकित्साधीक्षक से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में न तो सैनेटाइजर है और न मास्क। उन्होंने विभाग को लिखकर दे दिया है शीघ्र ही आ जाएंगे। ऐसे में कोरोना तो छोड़िए मौसम परिवर्तन से होने वाले संक्रमण से बचने के लिए भी मास्क आदि की व्यवस्था अस्पताल में नहीं है।
बाहरी व्यक्ति है सक्रिय
लोगों का कहना है कि अस्पताल में बाहरी दलाल टाइप के लोग सक्रिय हैं। यदि इनसे मिल लिया जाए तो सारी व्यवस्थाएं हो जाएगीं तथा स्वास्थ्य सेवाओं के साथ दवाएं भी मिल जाएंगी। ये दलाल लोग सीएचसी में पिछले कई वर्षों से सक्रिय हैं। आउटसाइडर अधिकांशतः चिकित्साधीक्षक के कमरे में मिल जाएंगे। यहां बता दें कि अभी कुछ दिनों पूर्व ही मझगवां सीएचसी पर मातृवंदना योजना की गड़बड़ियां सामने आने के बाद महकमे के उच्चाधिकारी जबाब देने की स्थिति में नहीं है।