नई दिल्ली। (Nuwa Mars City) सुदूर अंतरिक्ष में स्थित लाल ग्रह मंगल के कई रहस्य भले ही अनसुलझे हों पर धरती लोक के वासियों ने वहां बस्तियां बसाने की तैयारी शुरू कर दी है। जैसे-जैसे जानकारियां सामने आने लगी हैं, वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाश रहे हैं। इसी से उत्साहित बहुराष्ट्रीय आर्किटेक्चर फर्म एबिबू स्टूडियो ने मंगल ग्रह पर शहर बसाने संबंधी एक योजना को सार्वजनिक किया है।
यह ग्रह के टेंपे मेंसा इलाके में बसाए जाने वाले पांच शहरों में से एक होगा। नुवा (Nuwa) नामक यह शहर मंगल ग्रह की राजधानी होगा। इसे खड़ी चट्टानों के बगल में समानांतर (Horizontal) की बजाय लंबवत (Vertical) बसाया जाएगा, ताकि वातावरण के दबाव और विकिरण को निष्प्रभावी किया जा सके। ऐसा नहीं होने पर विकिरण से लोगों की जान भी जा सकती है। शहर में ढाई लाख लोगों के रहने की व्यवस्था होगी।
पूरी संरचना के विकास में मंगल ग्रह पर उपलब्ध सामग्री का ही इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी सतह पर कार्बन डाई ऑक्साइड और पानी की उपलब्धता को देखते हुए एबिबू की योजना इनके इस्तेमाल से स्टील उत्पादन की है। एबिबू के संस्थापक अल्फ्रेडो मुनोज कहते हैं, “हमने कंप्यूटर पर आधारित कई विश्लेषण किए हैं और विज्ञानियों के साथ काम करते हुए यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आगे क्या परेशानियां सामने आ सकती हैं।” हालांकि, जो मंगल पर बसने की ख्वाहिश रखते हैं उन्हें अभी लंबा इंतजार करना होगा क्योंकि इस परियोजना पर काम वर्ष 2054 में शुरू होगा और वर्ष 2100 से पहले वहां आबादी बसने की संभावना नहीं है।
भोजन की व्यवस्था के लिए वहां रहने वालों को मंगल ग्रह पर ही खेती करनी होगी। अनुमान है कि खेती के जरिये आधी आबादी को खिलाने लायक अनाज का उत्पादन किया जा सकेगा। इसके अलवा सूक्ष्म शैवाल को भी खाद्य सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। धरती की तरह वहां भी लोगों के मनोरंजन की सभी प्रकार की व्यवस्थाएं होंगी। इनमें खेल से लेकर आर्ट एंड क्राफ्ट तक शामिल हैं।
धरती से मंगल पर लोगों को ले जाना एक जटिल कार्य होगा लेकिन यह असंभव बिल्कुल नहीं होगा। उम्मीद की जा रही है कि धरती से मंगल ग्रह तक लोगों को ले जाने के लिए हर 26 महीने पर शटल सेवा का संचालन किया जाएगा। हालांकि, इसका किराया आम आदमी के वश में नहीं होगा। इसका प्रति व्यक्ति किराया तीन लाख डॉलर यानी करीब 2.17 करोड़ रुपये होगा।
नुवा चीन की पौराणिक देवी हैं जिन्हें इंसानों का रक्षक माना जाता है। उन्हीं के नाम पर इस शहर को बसाया जाएगा। ज्यादातर निर्माण खड़ी चट्टानों के भीतर किया जाएगा लेकिन छोटी चट्टानों को काटकर भी कुछ इमारतें बनाई जाएंगी। योजना में ग्रीन डोम विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसका इस्तेमाल शहर में रहने वाले लोग पार्क के रूप में करेंगे अथवा वहां प्रायोगिक तौर पर सब्जी आदि का उत्पादन किया जाएगा।
(इनपुट: एबिबू स्टूडियो)
बरेली@BareillyLive. शहर के जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिला प्रशिक्षण आयुक्त पुष्पकांत शर्मा…
हाई फ्लड लाइट और वॉच टावर की संख्या को बढ़ाने को कहा, मेला क्षेत्र में…
बरेली@BareillyLive. उत्तर प्रदेश भारत स्काउट एवं गाइड के निर्देशन एवं जिला संस्था बरेली के तत्वावधान…
बरेली @BareillyLive. चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने की मांग…
बरेली @BareillyLive. रामगंगा नदी के चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के कारण बरेली में…
Bareillylive : संगठन पर्व के चलते शहर के मीरगंज विधानसभा के मंडल मीरगंज व मंडल…