होली पर करें नवग्रह शांति, राशि अनुसार खेलें रंग,@BareillyLive. सनातन संस्कृति, #होली, रंगों और ग्रहों का हमारे जीवन पर प्रभाव,

AsroDesk @BareillyLive. सनातन संस्कृति में होली सर्वप्रमुख पर्व माना जाता है। इस पर्व पर खगोलीय अनेक शुभ संयोग बनते हैं। ऐसे में अपने जीवन को सुख-शांति से परिपूर्ण करने के लिए कुछ आसान उपाय किये जा सकते हैं। रंगों और ग्रहों का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। बालाजी ज्योतिष संस्थान, बरेली के ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा के अनुसार इस होली पर नवग्रह शांति बिना किसी विशेष प्रयास के की जा सकती है। साथ ही राशि अनुसार रंग खेलने से जीवन में खुशहाली आ सकती है।

ऐसे करें नवग्रह शान्ति

पंडित राजीव शर्मा बताते हैं कि होलिका दहन से पूर्व नवग्रह की लकड़ियां एकत्रित करके होली की परिक्रमा करते हुए क्रमानुसार उन्हें होलिका में डाल देना चाहिए। परिक्रमा करते समय संबंधित ग्रह का मंत्र जाप भी करते रहना चाहिए। इस प्रकार सभी ग्रह की लकड़ियों को होलिका में डाल देना चाहिए।

  1. सूर्य ग्रह की शांति के लिएः- इसके लिए प्रथम परिक्रमा करते हुए मदार की लकड़ी लेकर सूर्य के निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए।
    ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
  2. चंद्र ग्रह की शांति के लिएः- दूसरी परिक्रमा करते हुए पलाश की लकड़ी लेकर चंद्र मंत्र का जाप करना चाहिए।
    ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः।
  3. मंगल ग्रह की शांति के लिएः- तीसरी परिक्रमा करते हुए खैर की लकड़ी लेकर निम्न मंत्र का जाप करें।
    ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।
  4. बुध ग्रह की शांति के लिएः- चतुर्थ परिक्रमा करते हुए अपामार्ग की लकड़ी लेकर निम्न मंत्र का जाप करें।
    ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
  5. गुरुग्रह की शान्ति के लिएः- पंचम परिक्रमा करते हुए पीपल की लकड़ी लेकर निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए।
    ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
  6. शुक्र ग्रह की शान्ति के लिएः- षष्ठ परिक्रमा करते हुए गूलर की लकड़ी लेकर निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए।
    ॐ द्रौं द्रौं सः शुक्राय नमः ।
  7. शनि ग्रह की शांति के लिएः- सप्तम परिक्रमा करते हुए शमी की लकड़ी लेकर निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए।
  8. राहु ग्रह की शान्ति के लिएः- अष्टम परिक्रमा करते हुए दूर्वा लेते हुए निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए।
    ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
  9. केतू ग्रह की शांति के लिएः- नवम परिक्रमा करते हुए कुशा की लकड़ी लेकर निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए।
    ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः।

विशेषः- जिन नवजात शिशुओं की पहली होली होती है उन बच्चों की ढूंढ पूजा अवश्य कराएं।

होलिकोत्सव पर अपनी राशि अनुसार खेलें होली

मेष राशिः- इस राशि वालों को लाल रंग से होली खेलना चाहिए।

वृष राशिः- इस राशि वालों को हल्के गुलाबी या हल्के नीले रंग से होली खेलना चाहिए।

मिथुन राशिः– इस राशि वालों को हरे रंग से होली खेलना चाहिए।

कर्क राशिः- इस राशि वालों को हल्का पीला,केसरिया रंग से होली खेलना चाहिए।

सिंह राशिः- इस राशि वालों को लाल,पीला अथवा नारंगी रंग से होली खेलना चाहिए।

कन्या राशिः– इस राशि वालों को हरे रंग से होली खेलना चाहिए।

तुला राशिः– इस राशि वालों को हल्का पीला,गुलाबी या नीले रंग से होली खेलना चाहिए।

वृश्चिक राशिः- इस राशि वालों को गहरे लाल रंग से होली खेलना चाहिए।

धनु राशिः- इस राशि वालों को पीले रंग से होली खेलना चाहिए।

मकर राशिः-इस राशि वालों को भूरे अथवा नीले रंग से होली खेलना चाहिए।

कुम्भ राशिः-इस राशि वालों को काले अथवा गहरे नीले रंग से होली खेलना चाहिए।

मीन राशिः- यह सौम्य राशि है।इस राशि वालों को पीले रंग से होली खेलना चाहिए.

होली पर बरतने वाली विशेष सावधानियां

होली के दिन प्रातः काल हींग के पानी से मुख शोधन करना चाहिए।

प्रातः काल हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए।

प्रातः काल अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए।

होली जलाते समय अपने ऊपर से लौंग वारकर होली की अग्नि में डालें।

इस दिन हनुमानजी को चोला एवं भैरव जी पर तेल अवश्य चढ़ायें।

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